एक मार्च से लगेगा शुल्क, पांच वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश नि:शुल्क होगा

Allahabad high court ने maintenance खर्च निकालने के लिए दी मंजूरी

सुरक्षा की जिम्मेदारी पूर्व सैनिकों को सौंपने का निर्देश

ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क में घूमना हो या टहलना, कुछ भी मुफ्त नहीं होगा। इंट्री टैक्स पे करने पर ही कंपनी गार्डेन के भीतर प्रवेश करने का मौका मिलेगा। सिर्फ पांच साल तक की उम्र के बच्चों को इससे छूट मिलेगी। एक मुश्त पूरे साल की इंट्री का टैक्स पे करने वाले को रियायत जरूर दी है। इससे होने वाली इनकम को प्रॉयोरिटी बेसिस पर पार्क की सिक्योरिटी पर खर्च किया जाएगा। सिक्योरिटी की जिम्मेदारी पूर्व सैनिक उठाएंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी। यह आदेश एक मार्च से प्रभावी हो जाएगा।

उद्यान विभाग करेगा वसूली

कंपनी बाग के नाम से भी जाने वाले चन्द्रशेखर आजाद पार्क में अभी तक प्रवेश पर कोई शुल्क नहीं था। लास्ट इयर रेनोवेशन के बाद इंट्री टैक्स लगाने की बात उठी थी। तब कहा गया था कि मेंटेनेंस और सिक्योरिटी खर्च के लिए ऐसा करना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने कमेटी को टैक्स का प्रारूप तय करने के लिए अधिकृत किया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान रेट का प्रपोजल पेश किया गया। हाईकोर्ट ने टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्रदेश सरकार के उद्यान विभाग को शुल्क वसूली का जिम्मा सौंपा है, क्योंकि उद्यान विभाग ही इस पार्क की देखभाल करता है। अब पार्क में प्रवेश करने पर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति को पांच रुपया शुल्क देना होगा।

अपर महाधिवक्ता की देखरेख में कमेटी

कोर्ट ने प्रदेश के अपर महाधिवक्ता सीपी यादव की अध्यक्षता में संबंधित विभाग के अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है, जो एकत्रित इस शुल्क के पैसों की उपयोगिता पर विचार कर निर्णय लेगी। पार्क में प्रवेश करने वाले पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को शुल्क नहीं देना होगा। यह निर्देश जस्टिस दिलीप गुप्ता व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने मधु सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। पार्क में प्रवेश शुल्क को लेकर कोर्ट ने विस्तृत निर्देश जारी कर कहा है कि प्रतिदिन प्रति व्यक्ति को पांच रुपये शुल्क देना होगा। यदि कोई व्यक्ति चाहता है कि वह प्रतिदिन पैसा न देकर मासिक, तिमाही, छमाही अथवा वार्षिक शुल्क अदा कर दे तो उसे मासिक 100 रुपये, तिमाही 250 रुपये, छमाही 500 रुपये और वार्षिक 1000 रुपये शुल्क जमा कर पास लेना होगा।

डीएम व उद्यान विभाग जारी करेंगे पास

इसके लिए कोर्ट ने जिलाधिकारी व उद्यान विभाग को पास जारी कराने की समुचित व्यवस्था का निर्देश दिया है। कोर्ट ने शुल्क के पैसों को सबसे पहले पार्क की सुरक्षा में उपयोग करने पर बल दिया है तथा इसके लिए अपर महाधिवक्ता सीबी यादव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है, जो इन पैसों का कैसे उपयोग हो इस पर विचार कर निर्णय लेगी। अपर महाधिवक्ता के अलावा जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उपाध्यक्ष इलाहाबाद विकास प्राधिकरण, नगर आयुक्त, पार्क अधीक्षक तथा मुख्य कोषाधिकारी इलाहाबाद को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

दुकानदार दायरे में ही रहें

कोर्ट ने चिल्ड्रेन पार्क (हाथी पार्क) में आवंटित दुकानदारों को हिदायत दी है कि वे आवंटित दुकान से अधिक स्थान का उपयोग नहीं करेंगे। यदि वे ऐसा करते पाए जाते हैं तो उनका लाइसेंस निरस्त हो जाएगा तथा उन्हें दंड भी देना होगा। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि वह हाथी पार्क की सुरक्षा व साफ-सफाई की पुख्ता व्यवस्था करें। शहर के खुसरोबाग व मिंटो पार्क के बारे में कोर्ट को बताया गया कि मिंटो पार्क के रखरखाव का जिम्मा वन विभाग का है। खुसरोबाग के रखरखाव की जिम्मेदारी उद्यान विभाग की है। कमेटी से कोर्ट ने कहा कि वह इन दोनों पार्को के बारे में भी निर्णय लेकर मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख पर कोर्ट को अवगत कराए।

शुल्क का ढांचा

प्रतिदिन पांच रुपए

मासिक 100 रुपये

तिमाही 250 रुपये

छमाही 500 रुपये

वार्षिक 1000 रुपये