RANCHI : प्रावधान है कि किसी भी कर्मचारी या पुलिसकर्मी को रेस्ट के लिए एक दिन रोटेशनवाइज छुट्टी दी जाए, ताकि वह फिर से एनर्जी गेन कर अगले दिन से अपने काम को बखूबी अंजाम दे सके। मगर, पुलिस विभाग का एक अंग, जिसका काम शहर में ट्रैफिक को कंट्रोल करना है, इस प्रावधान का फायदा नहीं उठा पा रहा है। हम बात कर रहे हैं ट्रैफिक पुलिस की। शहर का ट्रैफिक संभालनेवाले पदाधिकारी और कर्मचारी सप्ताह में एक दिन की भी छुट्टी को तरसते हैं। आश्चर्य तो तब होता है, जब पुलिस डिपार्टमेंट की अन्य ब्रांचेज में काम करनेवालों को सप्ताह में एक दिन, तो झारखंड गवर्नमेंट के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों, पदाधिकारियों की छुट्टी सप्ताह में दो दिन कर दी गई है। ऐसे में ट्रैफिक को संभाल रहे जवानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

सिर्फ ड्यूटी है, छुट्टी नहीं

सात दिन, 12 घंटे की ड्यूटी में रांची के ट्रैफिक में पुलिस पदाधिकारी (एएसआई, एसआई) से लेकर ट्रैफिक पुलिसकर्मी मिलाकर 300 लोग काम कर रहे हैं। ट्रैफिक थाने में ट्रैफिक एसपी के सिग्नेचर और अनुमति से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के बीच महीने में पोस्ट बांट दिया जाता है। फिर, संडे हो या मंडे, उन्हें उसी पोस्ट पर सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक तैनात रहना है और गर्मी, बरसात और ठंढ के मौसम में भी पोस्ट पर डटे रहकर रेवेन्यू कलेक्ट करके देना है। जो जितना ज्यादा रिवेन्यू देगा, उसी हिसाब से उसकी पोस्ट पर तैनाती होगी। इस दौरान उन्हें एक दिन की भी छुट्टी नहीं मिलती है।

छांव की तलाश में रहते हैं

गुरुवार को रांची में दिन का टेम्पे्रचर 37.6 डिग्री सेल्सियस था। आई नेक्स्ट ने दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक शहर के विभिन्न चेक पोस्ट का मुआयना किया। इसमें पता चला कि कई जगहों पर गर्मी और लू से बचने के लिए ट्रैफिक पोस्ट को छोड़कर जवान किसी दुकान या रेस्टॉरेंट में छांव का सहारा लिए हुए हैं। हालांकि, उस वक्त ट्रैफिक लोड थोड़ा कम था। वहीं, अल्बर्ट एक्का चौक, कांटाटोली चौक, बिरसा चौक पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी धूप में सिर्फ अपनी लाल टोपी के सहारे ट्रैफिक कंट्रोल करते हुए नजर आए। उनके चेहरे से पसीना छलक रहा था। वर्दी पसीने से तर-ब-तर हो चुकी थी, लेकिन वे अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थे।

बनाया गया पोस्ट भी कारगर नहीं

झारखंड गवर्नमेंट ने कांटाटोली, रेडियम चौक, रातू रोड का चौराहा, सहजानंद चौक, अल्बर्ट एक्का चौक समेत कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिस पदाधिकारियों के बैठने के लिए पोस्ट का निर्माण कराया है। पर, पोस्ट ऐसा है कि उसके अंदर बैठने से भी पुलिसकर्मी को राहत नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इतनी गर्मी में वे पोस्ट छोड़कर दूसरी जगहों पर जाने को मजबूर हैं।

पहले तो ग्लूकोज भी मिलता था

एक पोस्ट पर तैनात एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब डीआईजी साहब एसएसपी के पोस्ट पर तैनात थे, तो गर्मी में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को हर दिन पीने के लिए ग्लूकोज भी दिया जाता था। अब तो वह भी नसीब नहीं है।

हैट और छतरी का प्रपोजल भी लटका

झारखंड गवर्नमेंट को यह प्रपोजल भेजा गया था कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी को हैट, छतरी और चश्मा दिया जाए। यह प्रपोजल अभी तक पेंडिंग है। जहां तक छुट्टी की बात है, तो पूर्व एसएसपी साकेत कुमार सिंह ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी के हितों, स्वास्थ्य के मद्देनजर रोटेशनवाइज छुट्टी लेने का भी आदेश निर्गत किया था, लेकिन उनके हटने के बाद यह आदेश डंप हो गया।

नहीं होगा भेदभाव : एसएसपी

एसएसपी प्रभात कुमार कहते हैं कि जवानों को छतरी, हैट देने के लिए गवर्नमेंट के पास प्रपोजल भेजा गया है। प्रपोजल से पहले दोनों का सैंपल भी मंगा लिया गया है। जहां तक उनकी छुट्टी की बात है, तो इस पर छानबीन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। छुट्टी लेने का अधिकार हर जवान को है। उनलोगों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।