RANCHI: रिम्स प्रबंधन हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने को लेकर रेस है। लेकिन मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली छोटी-छोटी परेशानियां प्रबंधन को नजर नहीं आ रही हैं। कुछ ऐसी ही अव्यवस्था रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में देखने को मिल रही है। जहां खुली छत के नीचे लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लाइन में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। धूप हो या बारिश उसी स्थिति में रजिस्ट्रेशन कराना लोगों की मजबूरी बन गई है। बताते चलें कि सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का रजिस्ट्रेशन काउंटर भी उसी बिल्डिंग में शुरू कर दिया गया है। जहां स्टाफ तो अंदर बैठते हैं लेकिन बाहर मरीजों के लिए कोई शेड नहीं है।

हर दिन 300 मरीज

सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में हर दिन 300 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें कार्डियो के अलावा यूरोलॉजी और ओंकोलॉजी के भी मरीज आते हैं, जहां मरीजों का इलाज और टेस्ट दोनों होता है। इसके लिए उन्हें घंटों बारिश में भीगते हुए अपना काम निपटाना पड़ रहा है।

इकलौता रजिस्ट्रेशन काउंटर

सुपर स्पेशियलिटी में भले ही रजिस्ट्रेशन के लिए अलग काउंटर बना दिया गया हो, लेकिन उसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। एक काउंटर होने की वजह से मरीजों की लाइन लगी रहती है। ऐसे में कई लोगों को पर्ची टाइम से नहीं मिल पाती। इस वजह से वे बिना इलाज कराए ही लौट जाते हैं।

क्या कहते हैं मरीज व परिजन

इतने बड़े हॉस्पिटल में कम से कम मरीजों के लिए शेड तो होना ही चाहिए, ताकि धूप, बारिश या ठंड के दिनों में किसी तरह की परेशानी ना हो। अभी बारिश होने पर भी लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है। प्रबंधन को इसके लिए एक शेड की व्यवस्था करनी चाहिए।

पिंटू मिश्रा

रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर खुला आसमान है। बारिश होती है तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी में भी काफी दिक्कत होती है। मरीज तो ठीक हो जाएगा, लेकिन साथ में आने वाले परिजन की तबीयत खराब हो जाएगी। बारिश के दिन में तो सबसे ज्यादा परेशानी है।

रंजीत मिश्रा

केवल ब्लॉक का नाम सुपर स्पेशियलिटी है। लेकिन यहां तो सुविधाओं का अभाव है। रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर ना तो शेड और ना ही बैठने की व्यवस्था है। इस बीच बारिश अगर आ जाए तो उससे बचने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है। काउंटर के बाहर शेड बना दिया जाता तो लोगों को काफी राहत होती

सत्यम कुमार