भीषण गर्मी में बिजली की कटौती मरीजों के लिए बनी मुसीबत का सबब

पानी और हवा के साथ हॉस्पिटल्स में हो रहा जांच का टोटा

PRAYAGRAJ: बिजली की कटौती मरीजों का सिरदर्द बनी हुई है. शहर के तमाम हॉस्पिटल्स इस समस्या से जूझ रहे हैं. मरीजों को हवा, पानी के साथ तमाम जांचों की कमी से भी गुजरना पड़ रहा है. बिजली चले जाने से एमआरआई, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जैसी जांचें प्रभावित हो रही हैं. वार्ड में मरीजों को भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है.

फाल्ट हुआ तो बिजली गुल

गर्मी के मौसम में बढ़ते लोड के चलते आए दिन फाल्ट की शिकायत सामने आती है. ऐसे में आम जनता के साथ शहर के हॉस्पिटल्स को भी बार-बार बिजली के आने-जाने का सामना करना पड़ रहा है. इससे मरीज दिक्कत का शिकार हो रहे हैं. बिजली अधिक कटने से एमआरआई, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे जैसी जांचों का पावर बैकअप भी काम नही दे रहा है. बेली हॉस्पिटल में गुरुवार को एमआरआई जांच भी प्रभावित रही. इसी तरह एसआरएन हॉस्पिटल में आए दिन सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांचों के लिए मरीजों को लाइट आने का इंतजार करना पड़ रहा है.

मजबूरी में खरीद रहे पानी

कटौती से पानी की सप्लाई भी बाधित हो रही है. नल में पानी आता है तो वाटर कूलर काम नहीं करते. ऐसे में मरीजों को शुद्ध पेयजल के लिए बाजार से पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है. कई मरीज घर से बीस लीटर का कैन लेकर आते हैं. जिनके पास कुछ नही है वह गर्म और प्रदूषित जल पीने को मजबूर हैं. कुल मिलाकर गर्मी में हॉस्पिटल्स की पेयजल समस्या बढ़ रही है. हॉस्पिटल्स में तकरीबन आधा दर्जन वाटर कूलर काम नही कर रहे हैं. जिनकी अभी तक मरम्मत भी नही की गई है.

खुद करना पड़ रहा हवा का इंतजाम

हॉस्पिटल्स में भर्ती मरीजों को हवा के लिए भी खुद इंतजाम करना पड़ता है. वोल्टेज कम आने पर कई वार्डो के पंखे और कूलर ठीक से काम नही करते या खराब पड़े हैं ऐसे में परिजन बाजार से कम पावर में चलने वाले महंगे कूलर और टेबल फैन खरीदकर हॉस्पिटल में लाने को मजबूर हैं. एसआरएन हॉस्पिटल में भीषण गर्मी के चलते लोग अपनी गाडि़यों को गलियारे में खड़ा कर रहे हैं. इसकी वजह से आने-जाने में कठिनाई हो रही है.

हॉस्पिटल में बिजली सप्लाई की जो इंटरनल प्राब्लम थी उसे ठीक करवा दिया गया है. अब फाल्ट होने पर बिजली कटती है. जिससे थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.

डॉ. वीके सिंह,

एसआईसी, काल्विन हॉस्पिटल

वोल्टेज कम होने पर एमआरआई जांच प्रभावित होती है. हालांकि पावर बैक अप और जनरेटर के जरिए बिजली नही होने पर जांच को जारी रखने की पूरी कोशिश की जाती है.

डा. कमलाकर सिंह,

सीनियर रेडियोलाजिस्ट, बेली हॉस्पिटल