Lucknow: आमिर अनीस की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के एमबीए  इंट्रेस टेस्ट में 103 रैंक आई थी। गुरुवार को उनको काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। आमिर ने एडमिशन के लिए बैंक से एजुकेशन लोन की बात कर ली थी लेकिन जब वह यूनिवर्सिटी फीस स्ट्रक्चर लेने के लिए पहुंचे तो उनकी मदद करने के बजाए। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी बेइज्जती करना शुरु कर दी.
एडमिशन कोर्डिनेटर का कहना था कि उनको कोई फीस स्ट्रक्चर नहीं दिया जाएगा। अगर पैसा हो तो पढ़ाई करो नहीं तो जाओ। इसकी शिकायत आमिर अनीस ने डीएम अनुराग यादव से की है। डीएम का कहना है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से बात की जाएगी के उन्होंने ऐसा क्यों किया.
पैसे नहीं तो पढऩे क्यों आए
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में एमबीए की फीस 60 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से ली जाती है। यानि साल भर में करीब एक स्टूडेंट को 1.20 लाख रुपए जमा करना होते है। एक स्टूडेंट के लिए यह रकम बहुत बड़ी होती है। इसलिए अमीर ने एमबीए करने के लिए एजुकेशन लोन के लिए एप्लाई किया था। आमिर लोन के लिए सभी जरुरी दस्तावेज बैंक में जमा कर चुके थे सिर्फ उनको यूनिवर्सिटी का फीस स्ट्रक्चर सबमिट करना था.
जिसे लेने के लिए वह यूनिवर्सिटी पहुंचे। आमिर ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में यूनिवर्सिटी के एडमिशन कोआर्डिनेटर गुफरान अहमद से मुलाकात की और उनको पूरी बताई तो उनका कहना था कि जब पैसे नहीं है तो फिर पढऩे क्यों आ गए। काउंसिलिंग लेटर पर जो फीस प्रिंट है उतने का ड्राफ्ट लेकर आओ नहीं तो एडमिशन नहीं मिलेगा.
आमिर ने बताया कि कई बार रिक्वेस्ट करने के बाद भी उनकी एक नहीं सुनी गई। बल्कि उनसे कहा गया कि अगर आज फीस नहीं दी तो तुम्हारा एडमिशन कैंसिल करके किसी और को सीट दे दी जाएगी। आमिर ने बताया कि इसके अलावा यूनिवर्सिटी प्रशासन स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की सरकारी स्कालरशिप के फार्म नहीं दे रहा है.

"हर स्टूडेंट्स को फीस स्ट्रक्चर दिया जा रहा है, यही नहंी कैंपस के अंदर स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए और उनको जल्द एजुकेशन लोन उपलब्ध कराने के लिए पीएनबी ने अपना काउंटर लगा रखा है। गुरुवार को स्टूडेंट को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। काउंसिलिंग में फीस जमा करना जरुरी होती है। अगर स्टूडेंट्स ने एजुकेशन लोन के लिए एप्लाई किया था तो उसे पहले फीस स्ट्रक्चर ले जाना चाहिए था क्योंकि लोन में पन्द्रह से बीस दिन का समय लगाता है। ऐन काउंसिलिंग के दिन तो उसको फीस जमा करनी होगी इसलिए उससे फीस तत्काल जमा करने के लिए कहा गया होगा."
गुफरान अहमद, एडमिशन कोआर्डिनेटर

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