RANCHI: रिम्स में अगर आग लगी तो कुछ भी नहीं बचेगा। चूंकि रिम्स में लगी सभी फायर एक्सटिंग्विशर बेकार हो चुकी हैं। इमरजेंसी से लेकर सुपरस्पेशियलिटी तक दीवारों पर एक्सपायर्ड सिलेंडर बस लोगों को भरोसा दिलाने के लिए हैं। दैनिक जागरण आइनेक्स्ट ने जब हास्पिटल का जायजा लिया तो सच चौंकाने वाला था। हास्पिटल में आग से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिम्स में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे ही हो रहा है।

हर वार्ड में सिलेंडर, पर सब बेकार

मेडिसिन, आइसीयू, न्यूरो, सर्जरी, कार्डियोलॉजी, ओंकोलॉजी में आग से निपटने के लिए फायर एक्सटिंग्विशर तो पर्याप्त संख्या में लगे हैं। लेकिन एक भी सिलेंडर काम के नहीं होने से अब लोगों को चिंता सता रही है। चूंकि सिलेंडर में एक्सपायरी डेट 12 जनवरी है। जबकि सिलेंडर की फीलिंग पिछले साल 13 जनवरी को कराई गई थी।

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हास्टल और सेंट्रल लैब में लगी थी आग

शार्ट सर्किट की वजह से पिछले हफ्ते रिम्स के हॉस्टल में आग लग गई थी। हालांकि आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। लेकिन फायर एक्सटिंग्विशर नहीं होने के कारण आग पर काबू पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। वहीं शुक्रवार को सेंट्रल पैथोलॉजी में भी शार्ट सर्किट हो गया था। स्टाफ्स ने तत्काल काबू किया नहीं तो रिम्स में बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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फायर फाइटिंग सिस्टम का निकला था टेंडर

हास्पिटल एरिया में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए टेंडर निकाला गया था। इसके तहत हर जगह पाइपलाइन बिछाने की बात कही गई थी। लेकिन एजेंसी ने पुरानी बिल्डिंग में पाइपलाइन बिछाने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद हर जगह सिलेंडर लगाए गए थे। बताते चलें कि नई बिल्डिंग में फायर फाइटिंग के लिए पाइपलाइन बिछी हुई है।