आई एक्सक्लूसिव

- बोर्ड एग्जाम के लिए सेंटर्स पर नहीं है पर्याप्त फर्नीचर

-दूसरे स्कूलों से उधार में लिया जाएगा एग्जाम्स के लिए फर्नीचर

-छात्र संख्या ज्यादा होने से स्कूलों में है अव्यवस्था

ravi.priya@inext.co.i

DEHRADUN: उत्तराखंड बोर्ड एग्जाम में स्कूलों के पास बच्चों को बैठाने तक की व्यवस्था नहीं है। एग्जाम कराने के लिए स्कूलों को फर्नीचर का जुगाड़ करना पड़ेगा और ये जुगाड़ उधार में होने जा रहा है। दरअसल स्कूलों के पास बोर्ड एग्जाम में बैठने वाले बच्चों के लिए मेज कुर्सी तक नहीं हैं। जिस कारण स्कूलों को विभाग से फर्नीचर की व्यवस्था कराए जाने की गुहार लगानी पड़ रही है। विभाग ने भी इसे लेकर स्कूलों के प्रिंसिपल्स को निकटतम स्कूलों से उधार में फर्नीचर लेने की बात कही है।

बैठने तक ही नहीं है व्यवस्था

प्रदेश सरकार और राज्य का शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्था बेहतर किए जाने का दावा करता है। मगर हकीकत की जमीन पर तमाम प्रयास नजर नहीं आते हैं। इसका ताजा उदाहरण है कि क्7 मार्च में शुरू होने वाले उत्तराखंड बोर्ड एग्जाम के लिए स्कूलों के पास पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं हैं। आलम यह है कि स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए मेज कुर्सी तक का इंतजाम नहीं है। ऐसे में बोर्ड एग्जाम तक कैसे व्यवस्था बन पाएगी यह एक बड़ा सवाल है।

7भ् से कम पर सेल्फ सेंटर नहीं

उत्तराखंड बोर्ड एग्जाम के लिए राजधानी के कई इंटर कॉलेजों को सेंटर बनाया गया है। जिन स्कूलों में मिनिमम 7भ् छात्र हैं उन स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम सेंटर स्कूल से बाहर बनाए गए हैं। इसके अलावा प्राइवेट मोड में एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी राजधानी के कई स्कूलों को सेंटर बनाया गया है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या का आंकड़ा 7भ् से ऊपर है उन स्कूलों में सेल्फ सेंटर रहेगा।

स्कूलों ने विभाग से लगाई गुहार

सेंटर बनाए गए कई स्कूल ऐसे हैं जहां आधे से भी कम फर्नीचर की व्यवस्था है। एक ओर जहां यह स्कूल पहले ही सेल्फ सेंटर होने के कारण छात्र संख्या का दबाव झेल रहे थे, वहीं अब विभाग ने वहां प्राइवेट मोड में एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स का भी एग्जाम सेंटर बना दिया। ऐसे में परेशानी और भी बढ़ गई। अब स्कूलों ने फर्नीचर न होने के कारण आ रही परेशानियों को विभाग के सामने रखा है। राजधानी में ऐसे स्कूलों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। इन स्कूलों में पटेलनगर का राजकीय इंटर कॉलेज भी शामिल है। विभागीय अधिकारियों ने अब इन स्कूलों के प्रिंसिपल्स को अपने स्तर पर निकटतम स्कूल की मदद से फर्नीचर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

वर्जन

विभाग फर्नीचर को लेकर काफी परेशानी झेल रहा है। अभी तक दस स्कूलों को फर्नीचर मुहैया करा दिया गया है, लेकिन अभी भी समस्या बनी हुई है। इसे लेकर डायरेक्टर एजुकेशन को भी पत्र लिखा जा चुका है। समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

- डा। मुकुल सती, चीफ एजुकेशन ऑफिसर, देहरादून

हमारे स्कूल में तकरीबन ख्00 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है। लेकिन बोर्ड एग्जाम में भ्00 बच्चों के लिए सेंटर बनाया गया है। ऐसे में फर्नीचर की व्यवस्था न होने से परेशानी बढ़ गई है। इस बारे में विभाग को मदद के लिए बोला गया है। कई स्कूलों में अपने स्तर पर व्यवस्थाएं पूरी हैं, लेकिन प्राइवेट स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या के लिए बाहर से ही व्यवस्था करनी पड़ेगी।

- बीडी बहुगुणा, प्रिंसिपल, राजकीय इंटर कॉलेज, पटेलनगर