सीबीईसी ने साफ की जीएसटी की तस्वीर
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग यानी सीबीईसी ने जीएसटी पर लोगों को आगाह किया है कि रहने के लिहाज से रेडी टू मूव प्रॉपर्टी या फ्लैट खरीदने पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। यदि बिल्डर आपसे जीएसटी वसूल रहा है तो वह आपके साथ अवैध धंधा कर रहा है। इसके लिए आप उससे कह सकते हैं या उचित फोरम पर शिकायत भी कर सकते हैं। टैक्स नियम 2011 के मुताबिक ग्राहक को प्रॉपर्टी पर सिर्फ 4.5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सीबीईसी के अनुसार प्रॉपर्टी न तो सेवा है और न ही उत्पाद इसलिए उस पर जीएसटी दरें लागू नहीं होता।
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गलत वसूले जीएसटी तो करें यहां शिकायत
यदि बिल्डर या कोई अन्य दुकानदार आपसे जीएसटी की दरें वसूल रहा है तो आप ऊपर दिए गए वेबसाइट वाले रेट लिस्ट से मैच कराएं। दरें मैच न करें तो पहले आप बिल्डर या दुकानदार से शिकायत करें। यदि वह आना-कानी करता है तो उसे सही दर बताएं। इसके बावजूद वह अपनी बात पर अड़ा रहता है तो आप नीचे दिए गए ईमेल पर कंप्लेन करें। अपनी बिल की स्कैन कॉपी भी मेल पर अटैच करें। दुकानदार का नाम, पता और पूरी बातचीत का ब्यौरा दें।
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बिना रजिस्ट्रेशन कुछ दुकानदार वसूल रहे फर्जी जीएसटी, ऐसे करें चेक
ऐसे समझें जीएसटी के 15 अंकों को
जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नंबर 15 अंकों का होता है। यह हर बिल पर अंकित रहता है। शुरू के दो नंबर संबंधित राज्य का कोड होता है। उसके बाद के 10 अंक दुकानदार के पैन का नंबर होता है। जीएसटी का 13वां नंबर उस दुकानदार के पैन पर अलग-अलग बिजनेस के लिए किए गए जीएसटी रजिस्ट्रेशन संख्या दिखाती है। यदि एक पैन पर 3 दुकानें रजिस्टर होंगी तो जीएसटी का 13वां अंक 3 होगा। 14वां नंबर हमेशा अंग्रेजी का z होता है। यदि 14वां अंक z नहीं है तो उसे 13वें के साथ मिलाकर पढ़ें क्योंकि कंपनी ने एक ही पैन पर 9 से ज्यादा बार जीएसटी पंजीकरण कराया है। 15वां नंबर चेक का कोड होता है।
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