Food products

फूड प्रोडक्ट्स की जांच करने के लिए सबसे पहले हम सदर बाजार पहुंचे। यहां हमने फॉरचून ऑयल देखा। रैपर पर देखा तो कंपनी का कस्टमर केयर 07961907373 का नंबर दिखा। हमनें इस नंबर पर फोन मिलाया। हमने साफ पूछा हम कैसे इस प्रोडक्ट को जांच करवाएं जिससे पता चले कि ये प्योर है? जवाब मिला आप हमारे इस नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जांच नहीं करा सकते। घर ले जाकर अगर ये ऑयल खराब भी निकलता है, तब ही आप इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद हमनें टाटा की प्रीमियम चाय का पैकेट देखा। वही चाय है जिसका हाल ही में नकली चाय बनाने का रैकेट पकड़ा गया था। टाटा की इस चाय के रैपर पर 180033451720 टॉल फ्री नंबर था। हमने इस पर कॉल की तो ये पूरा कम्प्यूटराइज सिस्टम था, जिस पर हम केवल शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आखिर में नेस्ले की मैगी का पैकेट देखा, तो उसमें कस्ट्यूमर केयर नंबर था। जिस पर कोई संपर्क नहीं हो सकता। सवाल है आखिर एक है कि अगर हम अपने प्रोडक्ट की जांच खुद क्यों नहीं करा सकते?

'ग्र्राहक के लिए इस शहर में कोई मानक नहीं है कि वो जो सामान खरीद रहा है उसकी खुद जांच करा ले। मुश्किल तो आती है। उसे पता कैसे चले ये सामान ब्रांडेड होने के बावजूद प्योर है या डुप्लीकेट। हर प्रोडक्ट को चेक करने के अपने तरीके हैं जो कॉमन मैन के लिए संभव नहीं है.'

- दीपक शर्मा, एनएएस कॉलेज

Medicine

दवाई लेने के लिए हम छिपी टैंक स्थित एक मेडिकल स्टोर पहुंचे। यहां हमनें बड़ी कंपनियों की महंगी दवाइयों का पैकेट मांगा। एमोक्सीक्लीन एंड पोटेशियम क्लेवूलानेट टेबलेट की ऑगमेनटिन 1000, 254 रुपए का पैकेट था, जिसमें मात्र 4 टेबलेट आती है। जानकर ताज्जुब हुआ कि इस टेबलेट के रैपर पर कंपनी का बंगलुरु का एड्रस था, लेकिन कोई भी कस्टमर नंबर नहीं था। इसके बाद रेनबैक्सी की एंटीबॉयटिक दवाई का पैकेट देखा। जो 357 रूपए में 6 टेबलेट थी। इस पैकेट में देखा तो इसमें भी कंपनी से संपर्क करने के लिए कोई नंबर नहीं था, जहां पूछकर कोई जानकारी ली जा सके।

'कंपनियों को अपने पैकेट पर कस्टमर केयर नंबर लिखना चाहिए। जिससे अगर कभी ग्राहक को कोई परेशानी हो तो वो कंपनी में शिकायत तो कर सके। जांच का कोई ऑप्शन ग्राहक के पास नहीं है.'

- रजनीश कौशल, महामंत्री मेरठ ड्रगिस्ट एसोसिएशन

'ये बात सही है ग्राहक के पास कोई तरीका नहीं है कि वो खुद किसी दवा प्रोडक्ट की जांच करा सके। दवाई की जांच हम खुद कराते हैं। जो लखनऊ और आगरा स्थित लेबोरट्री में होती है। इसमें दो सप्ताह तक का समय लग जाता है.'

- देवराज, ड्रग इंस्पेक्टर

Petrol

पेट्रोल डलवाने के लिए हम एनएएस रोड पर इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप पहुंचे। यहां पेट्रोल जांच तो नहीं शिकायत करने के लिए इंडियन ऑयल के सप्लाई मैनेजर का नंबर था। 9412268460 मोहित गोयल से बात हुई, तो उन्होंने जवाब दिया अगर इंडियन ऑयल के पेट्रोल में किसी तरह की दिक्कत आती है या फिर पेट्रोल पंप से कोई शिकायत है, तो आप बता सकते हैं, लेकिन जांच खुद कराने के लिए ऐसा कोई ऑप्शन नहीं है। कंपनी खुद ही समय-समय पर जांच कराती रहती है। अगर हम खुद पेट्रोल की जांच कराना चाहें, तो नहीं करा सकते हैं। वैसे कंपनी ने पेट्रोल पंप पर एक पेपर सुविधा दे रखी है जिसे पेपर फिल्टर से पेट्रोल की क्वालिटी चेक की जा सकती है। लेकिन ये भी ग्र्राहकों को नहीं बतायी जाती।

'हम खुद जांच कराते हैं। ग्राहक के पास ऐसा कोई तरीका नहीं, कि वो पेट्रोल की जांच कर सके। कई बार हम जांच कराते हैं तो रिजल्ट नेगेटिव मिलता है, जिसके बाद कंपनी खुद की कार्यवाही करती है.'

- एके भारद्वाज, सप्लाई मैनेजर एचपीसीएल

कहां कब हुई जांच

- पिछले एक साल में दवा के कोई सैंपल नहीं जांच को भेजे गए

- फूड आइटम के एक साल में चौदह आइटम भेजे गए लेकिन जिसमें दो गड़बड़ मिले

- मार्च माह में पेट्रोल की आठ जांच कराई गई एक भी फेल नहीं हुआ