जनवरी में एक्शन के बाद भी हॉस्टल में दबंग जस के तस कायम
vikash.gupta@inext.co.in
PRAYAGRAJ: पीसीबी हॉस्टल में अच्युतानंद उर्फ सुमित शुक्ला और रोहित शुक्ला हत्याकांड के बाद से कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. सवाल इविवि प्रशासन पर हैं कि उसने समय रहते दबंगों को खदेड़ने की कार्रवाई क्यों नहीं की? सेम सवाल पुलिस को भी कटघरे में खड़ा करते हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 188 छात्रों के अवैध कब्जे की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने का कोरम पूरा किया तो पुलिस अफसर भी रिपोर्ट लिखने के बाद सन्नाटा मारकर बैठे गये. इस पर कार्रवाई हो गयी तो शायद परिस्थितियां कुछ और होतीं.
ट्रस्ट वाले आज भी बेहाल
विवि ने जनवरी माह में हॉस्टल में काबिज दबंगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला लिया था. कुल 20 में पांच हॉस्टल्स के 188 अवैध अंत:वासियों के खिलाफ एफआईआर लिखवाई गई. विवि प्रशासन का दावा था कि एफआईआर के आधार पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. मौजूदा समय में कोई यह बताने वाला नहीं है कि एफआईआर पर कार्रवाई क्या की गई? वहीं ट्रस्ट के हॉस्टल्स को भी उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया.
यहां इतनी एफआईआर
डॉ. ताराचन्द- 67
एसएसएल- 26
डायमंड जुबिली- 38
पीसीबी- 24
जीएन झा- 33
यहां नहीं हुई एफआईआर
- हिन्दू हॉस्टल
- हालैंड हाल
- एसडी जैन
- मुस्लिम बोर्डिग
- केपूयीसी
अक्टूबर से मांगनी शुरू की फोर्स
नए शैक्षिक सत्र में मुट्ठीभर नव प्रवेशियों को ही हॉस्टल एलॉट किया जा सका.
इन्हें भी पजेशन दे पाने में विवि प्रशासन फेल रहा
विवि प्रशासन ने अक्टूबर 2018 से जिला प्रशासन से हॉस्टल में रेड के लिए फोर्स मांगनी शुरू की.
11 जनवरी से कुंभ मेले के लिए बाहर से आई फोर्स की मदद से हास्टल में रेड डालने का प्लान बना
11 जनवरी को पुलिस को ही कर दिया गया बैन
11 जनवरी को हॉस्टल में रेड से पहले एक मामले को लेकर पुलिस और छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच टकराव हो गया.
इसके बाद विवि प्रशासन ने नोटिस जारी करके पुलिस को कैम्पस और हॉस्टल में बिना अनुमति घुसने से बैन कर दिया.
छात्रसंघ को मौका दिया गया कि वह खुद पहल करे और 16 जनवरी तक छात्रावासों से अवैध लोगों को बाहर करवाए.
ऐसा हो तो नहीं सका, उल्टे एक बार फिर छात्रसंघ पदाधिकारियों और छात्रों का कैंपस में पुलिस से टकराव हो गया.
कैम्पस में एक सिपाही पर कातिलाना हमला किया गया. जिसके बाद विवि प्रशासन को पुलिस को फिर से खुली छूट देनी पड़ी.
कितने ब्लैक लिस्टेड, पता नहीं?
हॉस्टल के भीतर लगातार बिगड़ते हालातों के बीच विवि प्रशासन ने 23 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की.
इसमें कहा गया कि जिसे भी अवैध कब्जाधारी के रूप में पाया जाएगा. उसका चरित्र प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा.
ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.
नौकरी मिलने पर उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी.
इन घटनाओं के चलते लग गया ब्रेक
30 जनवरी को विवि के छात्र रजनीकांत यादव ने आत्महत्या कर ली.
सुसाइड नोट में जान देने की बड़ी वजह हॉस्टल न मिल पाना बताया.
विवाद चल ही रहा था कि कुलपति के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के लिए एमएचआरडी की प्रेसीडेंट को संस्तुति की सूचना आ गयी
-इसके बाद शिक्षक आंदोलित हो उठे
12 फरवरी को छात्रसंघ वार्षिकोत्सव/उद्घाटन समारोह को लेकर छात्रसंघ में दो फाड़ हो गया.