RANCHI: खतियानी जमीन के आधार पर स्थानीय नीति की मांग को लेकर मंगलवार को झारखंड बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। सुबह 9 बजे बंद समर्थक सड़क पर उतरे, दुकानों को बंद कराया और सरकार विरोधी नारे लगाए। जगह जगह टायर जलाकर रास्ता रोकने का भी प्रयास किया गया। मोरहाबादी स्थित करमटोली, नामकुम के लोआडीह चौक, कचहरी चौक, तुपुदाना आदि तमाम इलाकों में टायर जलाकर काफी देर तक रास्ता रोका गया। करमटोली में बंद समर्थकों ने एक ऑटो का शीशा भी फोड़ डाला। करमटोली चौक पर उत्पात करने वाले एक दर्जन बंद समर्थकों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। रांची के विभिन्न जगहों से दोपहर क् बजे तक ख्ख्ख् बंद समर्थक हिरासत में लिए गए। सभी बंद समर्थकों को जयपाल सिंह स्टेडियम स्थित कैंप जेल में रखा गया, जिन्हें देर शाम तक रिहा कर दिया गया। इनमें मुख्य रूप से आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के मुख्य संयोजक राजू महतो, आदिवासी जन परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा, सिकंदर मुंडा, रामेश्वर लोहरा, शिवनाथ मुंडा, श्रवण लोहरा, प्रवीण लोहरा, जयदेव उरांव, श्याम मुंडा, श्याम सुंदर लोहरा शामिल थे।

बंद बताया सफल

आदिवासी जन परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने बंद को सफल बताया है। उन्होंने कहा कि सोमवार की शाम को बंद की घोषणा के बाद राजधानी की जनता ने साथ दिया और स्थानीय नीति के समर्थन में दुकानें बंद रखीं, इसके लिए व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि सीएम रघुवर दास ने क्भ् नवंबर को ही स्थानीय नीति तय करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इससे सरकार के दोहरे चरित्र का पता चलता है।

सामान्य रहा शहर में परिचालन

झारखंड बंद को लेकर शहर में डीजल-पेट्रोल ऑटो, छोटा मैजिक, मेटाडोर, सिटी बसें कम चलीं। सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा भीड़ कम रही। लालपुर, कांटाटोली, रातू रोड, बहू बाजार, सिरमटोली चौक, मेन रोड में सामान्य दिनों की अपेक्षा चहलकदमी कम रही और सड़क पर भी सिटी बस और ऑटो कम ही दिखे।

बंद रहे मॉल और बड़े प्रतिष्ठान

झारखंड बंद के आह्वान के बाद शहर के बड़े प्रतिष्ठान स्वत: बंद हो गए। मेन रोड के जीईएल चर्च कांप्लेक्स, रोस्पा टावर की दुकानें बंद रहीं। सैनिक मार्केट में छिटपुट दुकानें खुलीं। मेन रोड, कांटा टोली, लालपुर, बूटी मोड़, बरियातू रोड, बहू बाजार आदि इलाकों में छोटी-बड़ी दुकानें दोपहर दो बजे तक बंद रहीं।

इन्होंने कराया बंद

आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी जनपरिषद, बेदिया समाज, लोहरा समाज, कुरमी विकास व छात्र मोर्चा, आजसू, सीपीआई, स्वराज पार्टी, आदिवासी-मूलवासी छात्र मोर्चा, आदिवासी-मूलवासी संगठन, स्थानीय नीति संघर्ष मोर्चा आदि तमाम छोटे बड़े संगठनों ने बंद का समर्थन किया। वहीं, जेवीएम और जेएमएम ने भी बंद का नैतिक समर्थन किया।

चुस्त रहा प्रशासन

बंद समर्थकों से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद दिखा। सभी चौक चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। प्रशासन को आशंका थी कि बंद समर्थक दुकानों में तोड़फोड़ कर सकते हैं, हालांकि बंद के मुख्य संयोजक राजू महतो, प्रेमशाही मुंडा और तमाम बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन सुस्त पड़ गया।

बंद रहे स्कूल

झारखंड बंद की वजह से शहर के तमाम प्राइवेट स्कूल बंद रहे। सुबह से ही स्कूलों का बस गली मोहल्लों तक नहीं पहुंचा। इसके पूर्व सोमवार की शाम ही सभी पैरेंट्स को इसकी सूचना दी गई थी।