शिल्पा कहती हैं, ''ये जो टर्म है आइटम नंबर ये सुनने में अच्छी नहीं लगती लेकिन शायद मैंने ही इस शब्द को प्रचिलित किया है ‘यूपी बिहार’ जैसे डांस नंबर करके। वैसे आजकल तो हर फ़िल्म में एक न एक आइटम नंबर होता ही है और इससे फ़िल्म का प्रमोशन भी अच्छा हो जाता है। लेकिन मैं ये सब कर चुकी हूं, अब इसमें मेरे लिए नया या चुनौतीपूर्ण कुछ नहीं है। वैसे भी ये आइटम नंबर अब मुझे अपनी ओर आकर्षित नहीं करते.''

शिल्पा ने आख़िरी बार जो आइटम नंबर किया था वो था फ़िल्म 'दोस्ताना' का 'शटअप एंड बाउंस' । शिल्पा कहती हैं, ''ये गाना भी मैंने सिर्फ इसलिए किया था क्योंकि फ़िल्म के निर्माता करण जोहर मेरे अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने मुझे कहा कि क्या मैं ये गाना करुंगी? तो मैं हां कर दी.''

भले ही शिल्पा आइटम नंबर में नज़र न आयें लेकिन जल्द ही वो आनेवाली फ़िल्म ‘द डिज़ायर’ में नज़र आएंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या ये उनकी कमबैक फ़िल्म मानी जाए तो शिल्पा बोलीं, ''मैं तो कहीं गई ही नहीं थी तो कमबैक का सवाल ही नहीं उठता। हां ये ज़रूर है कि शादी के बाद मेरी प्राथमिकता बदल गई थी। फिर मैंने कुछ बिज़नेस भी शुरू किये और मेरा ध्यान पूरी तरह उन पर था। मैनें जानबूझ कर ही फ़िल्मों से ब्रेक लिया था.''

जब फ़िल्मों की बात छिड़ी तो शिल्पा से पूछा गया कि अब तक के उनके करियर की सबसे यादगार फ़िल्म कौन सी है और क्यों? तो शिल्पा का जवाब था 'धड़कन'।

शिल्पा कहती हैं, ''धड़कन से मैंने अभिनय की बारीकियां सीखी, उससे पहले तो बस मैं अपने संवाद रट लिया करती थी और कैमरा के सामने जा कर उन्हें बोल देती थी.''

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