क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: झारखंड में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण करवाने और चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए झारखंड पुलिस तैयारी में जुट गई है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए पुलिसकर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है. डीजीपी ने इसके लिए सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को पुलिसकर्मियों को विशेष परिस्थिति में ही छुट्टी दिए जाने का आदेश दिया है.

चुनाव के बाद ही छुट्टी

पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव व मतगणना होने तक किसी भी पुलिस कर्मी को छुट्टी न दी जाए. वहीं, अधिकारियों के पास छुट्टी लेने वाले पुलिसकर्मियों की लाइन लगी हुई हैं. अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक कराने की बात करते हुए छुट्टी देने से साफ मना कर दिया है. चुनाव के मद्देनजर अधिक से अधिक फोर्स की जरूरत पड़ेगी. वहीं, जो पुलिस कर्मी छुट्टी पर गए हुए हैं, उनकी भी छुट्टियां रद्द की जाएंगी. और अब पुलिसकर्मियों को चुनाव के बाद ही छुट्टियां दी जाएंगी.

पुलिस की 600 कंपनी रहेगी तैनात

झारखंड में लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से करवाने के लिए कुल 600 पुलिस कंपनियों की तैनाती रहेगी. सीआरपीएफ की 200 कंपनियों के आलावा जैप, एसआईआरबी और झारखंड पुलिस तैनात रहेगी. चुनाव को दौरान किसी भी प्रकार के अप्रिय घटना से निपटने के लिए सीआरपीएफ, जैप बटालियन और जिला पुलिस को विशेष ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी गई है. पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है और माओवादी प्रभाव वाले जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.

मोस्ट सेंसिटिव जिलों में चुनाव बना चैलेंज

झारखंड के 13 अति संवेदनशील जिलों में शांतिपूर्वक चुनाव कराना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. इसके लिए अतिसंवेदनशील जिलों में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबल तैनात होंगे. लोकसभा चुनाव के दौरान खूंटी, गुमला, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, रांची, दुमका, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा और बोकारो को अतिसंवेदनशील जिले की श्रेणी में रखा गया है. चुनाव के पहले से इन इलाकों में बड़े पैमाने पर केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती होगी. इन अति संवेदनशील जिलों में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.