RANCHI : रिम्स में करोड़ों की बिल्डिंग तो बना दी गई। लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर प्रबंधन एक रुपए भी खर्च करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि मेंटेनेंस नहीं होने के कारण मेन बिल्डिंग से लेकर सुपरस्पेशियलिटी तक में दरार आ गई है। जगह-जगह उग आए खर पतवार दीवारों की दरार और बढ़ा रहे हैं। इससे हॉस्पिटल में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन दरारों को दुरुस्त कराने को लेकर गंभीर नहीं है।

वार्डो में गिर रही सीलिंग

हॉस्पिटल की मेन बिल्डिंग का निर्माण 65 साल पहले हुआ था। इसके बाद से बिल्डिंग में छोटे-मोटे मेंटेनेंस का काम कराया गया। लेकिन कभी भी छत और दीवारों की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। इस वजह से बेसमेंट के अलावा कई अन्य वार्डो में शिपेज हो रही है। वहीं कुछ वार्डो में तो सीलिंग भी गिर चुकी है। इससे वार्ड में इलाज करा रहे मरीज बाल-बाल बच गए थे। नई बिल्डिंग में भी दरार को अनदेखा करने से स्थिति खराब हो जाएगी।

छत पर उग आए पेड़

बिल्डिंग की दीवार में आई दरारों में पेड़ उग रहे हैं। धीरे-धीरे इन पेड़ों का आकार बढ़ता जा रहा है। इस वजह से दरारें भी बढ़ रही है। वहीं छत भी फटने के कारण पानी का रिसाव हो रहा है। जगह-जगह खर-पतवार उग आने से कीट-पतंगों ने भी डेरा डाल रखा है। इससे इलाज करा रहे मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा गैलरी में रह रहे परिजन भी परेशान हैं।

वर्जन

बिल्डिंग मेंटेनेंस का प्लान बनाया गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद पूरी बिल्डिंग में व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। इसका एक फायदा होगा कि जब भी जरूरत होगी काम कराया जा सकेगा। पहले की तरह प्लान बनाकर मंजूरी मिलने का इंतजार नहीं करना होगा।

डॉ। आरके श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रिम्स