-हेल्थ डिपार्टमेंट के पास नहीं है मलेरिया से निपटने की तैयारी

JAMSHEDPUR: शहर में स्वाइन फ्लू के साथ-साथ मलेरिया का प्रकोप फैलना भी शुरू हो गया है। रविवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक युवक की मौत मलेरिया से हो गयी। सरायकेला निवासी (फ्0) वर्षीय लखी सिंह को रविवार की सुबह भर्ती कराया गया था। इसके कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। वह काफी दिनों से बुखार से पीडि़त था। डॉक्टर्स ने उसे मलेरिया होने की बात कही।

सीएचसी में नहीं है मलेरिया की दवा

हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा डिस्ट्रीक्ट में भले ही मलेरिया जोन क्षेत्र घोषित किया गया हो, लेकिन हकीकत यह है कि उन क्षेत्रों में इससे निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मलेरिया मरीजों की पहचान करने के लिए न तो एमपीडब्लू (मल्टी पर्पस वर्कर्स) कर्मचारी है और न ही दवा है। इसके कारण मरीजों की जान गंवाना मजबूरी है। फिलहाल जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर पिछले तीन महीने से मलेरिया की दवा नहीं है। वहीं फाइलेरिया विभाग में भी पिछले तीन महीने से मच्छरों की मारने की दवा खत्म हो गई है। इस वजह से छिड़काव का कार्य बाधित है। जिले में कुल ख्ब्ब् हेल्थ सब सेंटर हैं। इनमें 8म् मलेरिया जोन क्षेत्र में पड़ता है। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा पटमदा, मुसाबनी, डुमरिया, बहरागोड़ा, घाटशिला, जादुगोड़ा जैसे क्षेत्रों को मलेरिया जोन घोषित किया गया है।

नहीं पहुंच रहीं सुविधाएं

मलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं, लेकिन सुविधाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसका मुख्य कारण कर्मचारियों की कमी व फंड का अभाव बताया जा रहा है। अक्टूबर से एमपीडब्लू (मल्टी पर्पस वर्कर्स) कर्मचारियों के हटने के बाद से मलेरिया जोन क्षेत्र में भी अभियान पूरी तरह से ठप पड़ गया है। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत जिले में कुल 9भ् एमपीडब्लू बहाल हुए थे। इनका उद्देश्य मलेरिया से निपटने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम संचालित करना और मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। इसके लिए वह घर-घर जाकर सर्वे के माध्यम से मरीजों की पहचान करते थे। जिले में कुल ख्फ्ब्भ् सहिया और करीब क्ख्00 एएनएम कर्मचारी हैं।

कुछ केंद्रों पर मलेरिया की दवा खत्म हो चुकी है। ऑर्डर दिया जा चुका है। जल्दी ही दवा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान की शुरुआत भी की जाएगी।

-डॉ। बीबी टोपनो, डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर