-सिटी के कई स्कूलों में मिड डे मील पर लगा है सालों से ब्रेक, सबका अपना-अपना रीजन

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PRAYAGRAJ: राइट टु एजूकेशन एक्ट 2009 के अंतर्गत गवर्नमेंट स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए कई योजनाएं चल रही है. इनमें प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल मिड डे मील योजना भी एक है. लेकिन जमीन पर इसकी हकीकत सरकारी आंकड़ों से अलग है. सिटी के कई एडेड स्कूलों में कई महीनों से मिड डे मील योजना के अंतर्गत मध्याह्न भोजन पर ब्रेक लगा हुआ है. इस बारे में स्कूलों के अपने-अपने तर्क और समस्या है. जबकि योजनाओं का लाभ पाने वाले स्टूडेंट्स सरकार की योजना से वंचित है. ऐसे में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर इस ओर नहीं जा रही है.

कहीं बजट, कहीं रसोइया नहीं

गवर्नमेंट के साथ ही विशेष रूप से एडेड यानी सहायता प्राप्त अशासकीय इंटर कॉलेजों में सबसे अधिक समस्या आ रही है. सिटी के कई स्कूलों के प्रिंसिपल से पूछे जाने पर उन्होंने बजट की कमी के कारण मिड डे मील पर ब्रेक लगने की बात कही. सीएवी इंटर कालेज के प्रिंसिपल टीपी पाठक ने बताया कि जनवरी तक उनके विद्यालय में भी मिड डे मील का संचालन किया जा रहा था. उसके बाद यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई. जिसके बाद बजट की कमी के कारण मिड डे मील का निर्माण रोकना पड़ा. उन्होंने कहा कि अभी तक 1000 रुपए में रसोइया रखने की व्यवस्था थी. जबकि सिटी के अंदर इतने पैसों में कोई भी व्यक्ति बच्चों का खाना बनाने को तैयार नहीं होता है. जिससे कई बार दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वहीं कई अन्य स्कूलों में भी ऐसी समस्या आ रही है. राजकीय इंटर कालेज में भी दो माह तक मिड डे मील कार्यक्रम बंद था. हालांकि एक अप्रैल से फिर से स्कूल में मिड डे मील का संचालन शुरू हो गया.

वर्जन

कुछ इंटर कालेज में ऐसी दिक्कत की जानकारी मॉनीटरिंग के दौरान देखने को मिली है. डीआईओएस से मिलकर इन स्कूलों में सुचारू ढंग से मिड डे मील का संचालन कराया जाएगा.

-संजय कुशवाहा

बीएसए