आगरा के एक जूता कारोबारी स्व। श्रीराम सिंह भी उनमें से एक थे, जिनके गैराज में ये मारुति 800 खड़ी होकर उनकी शान में चार चांद लगाती थी। हालांकि इस कार की शान में आज भी कोई कमी नहीं है। श्रीराम की फैमिली आज भी इस कार को रखकर खुद पर फर्क महसूस करती है। शो में देखी थी

स्व। श्रीराम सिंह के बेटे और जूता कारोबारी संजय बताते हैैं कि उनके फादर का मन उस कार पर तब आया था, जब उन्होंने इसे  1982 में  सिटी में ऑर्गनाइज हुए एक शो में देखा था। मारुति सुजूकी की ओर से लगाए गए इस शो में कंपनी की फस्र्ट कार को दिखाया गया था। उस टाइम कार रेड कलर की दिखाई गई थी। इसे देखने के लिए संजय भी अपने फादर के साथ गए हुए थे।

कराई थी बुक

संजय के फादर जूता कारोबारी स्व। श्रीराम सिंह ने अपने लिए इस कार को बुक कराया था। उन दिनों इस कार की दीवानगी इस कदर थी कि लोगों को सालों-साल इस कार के लिए इंतजार करना पड़ता था। जिस टाइम संजय के फादर ने इस कार को लेने का मन बनाया तब भी इसकी डिलीवरी दो-दो साल तक की चल रही थी। संजय की फैमिली के बीच आई इस कार के लिए उनके फादर ने 97 हजार रुपए की कॉस्ट चुकाई थी।

बीमा सहित रोड पर आने के बाद यह कार एक लाख सात हजार रुपए की पड़ी थी। उस टाइम कंपनी की ओर से सिर्फ रेड कलर की कार ही डिलीवरी की जा रही थी। हालांकि संजय के फादर की पसंद व्हाइट कलर था।

डॉलर दो जल्दी लो

बकौल संजय जिस टाइम फादर ने इस कार के लिए मन बनाया था। उस दौर में कंपनी की ओर से एक स्कीम चल रही थी। वह स्कीम थी कि अगर मारुति कार जल्दी चाहिए तो पेमेंट रुपए में न करके डॉलर में करिए। ऐसा करने से वेटिंग लिस्ट में नाम न डालकर एक दूसरी लिस्ट में नाम शामिल कर लिया था। डॉलर में पेमेंट करने पर उस दौर में यह कार तीन महीनें के भीतर संजय के घर आ गई थी। हालांकि संजय के घर आने से पहले आगरा के एक अन्य कारोबारी के घर पहली मारुति 800 कार आ चुकी थी। संजय के घर आने वाली कार आगरा की सेंकेड कार साबित हुई।

पछाड़ी थी फीएट

1980 के दशक में जब मारुति 800 का यह फस्र्ट मॉडल लांच हुआ था तब लोगों के गैराज में एम्बेसडर और फीएट खड़ी रहती थीं। मारुति 800 मार्केट में आने के बाद लोगों ने बहुत तेजी से इसे पसंद किया। इस पसंदगी के पीछे वजह भी थी। वह थी इस कार का खूबसूरत लुक। इसके अलावा इस कार ने एवरेज में भी बाकी कारों को पछाड़ दिया था। मारुति 800 एक लीटर पेट्रोल में बाइस किमी तक का सफर तय करती थी।

देखने आते थे लोग

संजय बताते हैं कि  अगस्त 1985 में परचेज की गई इस कार को देखने के लिए घर पर लोग आते थे। जिन रिलेटिव्स को पता लग जाता था, वो कहते थे कि एक झलक हमें भी दिखा दो अपनी मारुति कार की। घर के आसपास के लोग तो इसे देखने के लिए काफी दीवाने थे। वे लोग कार से अक्सर ही सगाई-सम्बंधों के लिए जाया करते थे।

Report by- Prashant sharma