सभी खर्च वहन करेगी यूनिवर्सिटी

खिलाड़ियों को आने-जाने का खर्च, प्रैक्टिस के लिए इक्विपमेंट्स और पार्टिसिपेशन के लिए लगने वाली फीस के बारे में भी अब फिक्र करने की जरूरत नहीं है। स्पोर्ट्स काउंसिल के प्रेसिडेंट प्रो। हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी तक खिलाड़ियों को यह सभी खर्च अपने पास से बियर करने पड़ते थे.  इसकी बड़ी वजह यह थी कि यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स सेे स्पोर्ट्स के मद में जो पैसे लेती थी उसका यूज इसी झगड़े की वजह से नहीं हो पाता था। अब इस समझौते के बाद खिलाड़ियों इन तमाम चीजों के बारे में नहीं सोचना पड़ेगा।

प्रिंसिपल के साथ होंगे चार और मेंबर

यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजेज के लिए जो कमेटी बनाई जानी है उसमें यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज बराबर के भागीदार होंगे। कमेटी में एक प्रिंसिपल, दो स्पोर्ट्स ऑफिसर और दो फिजिकल एजूकेशन टीचर्स भी शामिल किए जाएंगे। स्पोर्ट्स इवेंट में कॉलेजेज का पार्टिसिपेशन, स्पोर्ट्स इवेंट्स से रिलेटेड सभी डिस्कशन और डिसीजन यही कमेटी करेगी। वहीं यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स काउंसिल की कार्यकारी कमेटी यूनिवर्सिटी के मामलों के साथ-साथ कोर्डिनेशन कमेटी के डिसीजन को भी एग्जिक्यूट करेगी।

वीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक

यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के बीच चले आ रहे इस विवाद को खत्म करने के लिए फाइनल बातचीत सैटर्डे को वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी के चैम्बर में हुई। वीसी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स काउंसिल की ओर से प्रेसिडेंट डॉ। हर्ष कुमार सिन्हा, डॉ। विजय चहल, डॉ। राजवीर सिंह मौजूद रहे, वहीं गुआक्टा की ओर से प्रेसिडेंट श्रीशमणि त्रिपाठी, डॉ। भगवान सिंह, डॉ। सतीश चंद्र मिश्र और महेश यादव ने सिग्नेचर किए। इस दौरान डेवलपमेंट काउंसिल के डायरेक्टर प्रो। चितरंजन मिश्र और डीन आर्ट्स प्रो। सुरेंद्र दुबे मौजूद रहे।