- महानगर विद्युत वितरण निगम के पास ट्रांसफार्मर, तार और पोल की भारी किल्लत

- रात को लोकल फॉल्ट सही करने वाली टीम भी नहीं

GORAKHPUR: छह माह से चैन की बंशी बजा रहे इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन की अब नींद उड़ने लगी है। मरम्मत के सामान और कर्मचारी दोनों नहीं हैं। ऐसे में अगर कहीं फॉल्ट हो गया तो मरम्मत भगवान भरोसे ही है। दिन में तो कुछ ठीक है, लेकिन अगर रात में फाल्ट हो गया तो बिना बिजली पूरी रात काटनी पड़ेगी। यह बातें सिटी के जेई भी कह रहे हैं। छह माह से वह अफ सरों का पत्र लिखकर नाइट गैंग और सामानों की मांग के लिए पत्र लिख चुके हैं, पर उन्हें फुटकर में सामान मिल रहा है तो ख्ख् कर्मचारी की जगह क्0 कर्मचारी मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि एक फॉल्ट को सही करने में जूनियर इंजीनियर्स को क्ख् घंटों से अधिक समय लग जा रहा है।

न सामान, न लाइट गैंग

लोकल फॉल्ट सही करने के लिए सबसे अधिक जरूरत तार और जंफर की होती है। वहीं रात को हुई फॉल्ट को अटैंड करने के लिए कोई नहीं कर्मचारी हैं। हालत यह है कि ट्रांसफामर् र जल जाने के बाद वर्कशॉप से ट्रांसफार्मर ही नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं कहीं हाई वोल्टेज के कारण तार जलने या लोकल फॉल्ट के बाद तार बदलने के लिए सब स्टेशनों पर तार तक नहीं मिल पा रहे हैं। सबसे अधिक किल्लत जंफर की है। हालात यह है कि सिटी में कहीं भी जंफर नहीं मिल रहे हैं। एक जेई का कहना है कि सामान की मांग के लिए हम ऑफि सर्स को हमेशा से पत्र लिखते आ रहे हैं, लेकिन वह केवल आश्वासन देते हैं।

एक ट्रांसफार्मर बदलने में लग रहा क्ख् से क्म् घंटा

कुछ दिन पहले स्टेशन स्टेशन के सिंचाई विभाग और बीते मंडे को पादरीबाजार का ट्रांसफार्मर जल गया। जिसको बदलने में कॉर्पोरेशन का क्ख् घंटा से अधिक का समय लग गया। एक जेई कहना है कि सिंचाई विभाग का ट्रांसफार्मर वेंस्डे की नाइट ब् बजे के लगभग जल गया। सुबह से ही वर्कशाप में स्टोर से ट्रांसफार्मर की मांग की जाने लगी, लेकिन स्टोर में ट्रांसफ ार्मर उपलब्ध न होने के कारण जला ट्रांसफार्मर वर्कशाप भेजा गया, जहां वह बनने के बाद मंगलवार की शाम आ सका। जब बिजली सप्लाई चालू हो पायी।

वर्जन

सामान और गैंग के लिए चीफ इंजीनियर को पत्र लिखा गया है। संभावना है कि क्0 मई तक गैंग और सामान मिल जाएंगे। सामान की कमी के कारण कोई परेशानी नहीं होगी।

एसपी पांडेय, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम