क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र होना अनिवार्य हैं, मगर राजधानी के ज्यादातर पेट्रोल पंप पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. अब इनके खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में जिला प्रशासन है. जो पेट्रोल पंप बिना प्रदूषण जांच केंद्र के ही चल रहे हैं, उनके एनओसी का लाइसेंस रद किया जाएगा. संबंधित पेट्रोल पंपों को इस बाबत डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट अफसर की ओर से अल्टीमेटम दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे जल्द से जल्द प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की प्रक्रिया पूरी कर लें, वरना कार्रवाई को तैयार रहें.

फेल हो चुका है एनओसी

गौरतलब है कि प्रदूषण जांच केंद्र नहीं होने की वजह से कई पेट्रोल पंपों का एनओसी रिन्युअल नहीं किया जा रहा है. डीटीओ ऑफिस से हर साल पेट्रोल पंपों के एनओसी को रिन्यु किया जाता है, लेकिन ज्यादातर का एनओसी फेल हो चुका है और ऐसे पेट्रोल पंपों पर अवैध तरीके से पेट्रोल-डीजल की बिक्री हो रही है. प्रशासन ने भी फरमान जारी कर दिया है कि जबतक पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खुलेगा, उनके एनओसी को रिन्यु नहीं किया जाएगा.

मिले हैं 15 अप्लीकेशन

रांची डीटीओ ने सभी पेट्रोल पंपों को पॉल्यूशन जांच केंद्र खोलने का लास्ट अल्टीमेटम दिया है. इस बीच केंद्र नहीं खोलने वाले पेट्रोल पंपों का लाइसेंस रिन्युअल नहीं किया जाएगा. बल्कि लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की जाएगी. डीटीओ संजीव कुमार ने बताया कि 15 आवेदन आए हैं लेकिन प्रदूषण जांच केंद्र नहीं रहने के कारण इनका लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जा रहा है. संबंधित कंपनियों को पत्र लिखकर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का निर्देश दिया गया है. अगर जांच केंद्र बन जाता है तो ठीक है वरना आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की हो रही अवहेलना

पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र नहीं होने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली है. इसे गंभीरता से लेते हुए डीटीओ संजीव कुमार ने आदेश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र को अनिवार्य बताया है. पॉल्यूशन जांच केंद्र नहीं खोलने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ कोर्ट के अवमानना का मामला दर्ज करने के साथ पंप का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में आमसूचना भी जारी की गई है.

सिटी में चल रहे हैं 43 पेट्रोल पंप

रांची जिले में अलग-अलग पांच कंपनियों के पेट्रोल पंप हैं. इनमें से शहरी क्षेत्र में करीब 63 पेट्रोल पंप हैं, पेट्रोलियम कंपनियां वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच के लिए पीयूसी मशीन सहित स्मोक यूनिट स्थापित करेंगी. हालांकि, केंद्र खोलने के लिए थर्ड पार्टी को भी प्राथमिकता दी जा सकती है. पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से वाहन मालिकों को सुविधा होगी और इससे प्रदूषण नियंत्रण करने में सहूलियत होगी.