- खाली रहे रांची पुलिस और सीआईडी के हाथ

- रिक्वेस्ट के बावजूद सीबीआई ने नहीं की जांच

- 15 दिसंबर को रांची में भी हुआ था 'निर्भया कांड'

- आज तक नहीं मिल पाया कातिल का कोई सुराग

>nadeem.akhtar@inext.co.in

RANCHI (12 Oct) : दिल्ली के बहुचर्चित आरुषि तलवार हत्याकांड में जिस प्रकार कातिल का कोई सुराग नहीं मिला, उसी रास्ते पर रांची की निर्भया के कत्ल का भी मामला बढ़ता नजर आ रहा है। रांची के बूटी बस्ती में एक बहुचर्चित मामला पिछले साल क्भ् दिसंबर की रात को भी हुआ था, जिसमें बीटेक की एक छात्रा की बेरहमी से हत्या की

गयी थी। उसके साथ बलात्कार हुआ था और बॉडी जला दी गयी थी। पहले दस-पंद्रह दिनों तक तो रांची पुलिस ने इसे सॉल्व करने का दावा किया, लेकिन जब पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा, तो इस केस को पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से जांच करने के लिए सीआईडी को दे दिया गया था।

सीआईडी के भी हाथ खाली रहे

सीआईडी भी कुछ नहीं कर पायी, तो भारी जनदबाव में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी। हैरत में डालने वाली बात तो यह है कि सीएम की घोषणा के नौ महीने दस दिन बीतने के बाद भी इस केस को सीबीआई ने टेकओवर नहीं किया है। राज्य सरकार से स्तर से अब तक सीबीआई को तीन बार लिखित और कम से कम पांच बार मौखिक रूप से कहा जा चुका है कि इस मामले की जांच शुरू करें, इसके बावजूद टेक्निकल फॉर्मेट में डेटा रिसीव नहीं होने के कारण सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लिया ही नहीं है।

पब्लिक के गुस्से के बाद हुई थी अनुशंसा

बूटी बस्ती स्थित एक छोटे से मकान में बीटेक की छात्रा की रेप और मर्डर के बाद शव जलाने की घटना से पूरी रांची उबल पड़ी थी। लगातार क्म् दिनों तक शहर में धरना-प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाल लोगों ने अपने आक्रोश का इजहार किया था। भारी दबाव में सीएम रघुवर दास ने इसी साल फ् जनवरी को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा की थी। इस प्रकरण में राज्य सरकार की दो एजेंसियां पहले से ही जांच कर रही हैं। रांची पुलिस के अलावा सीआईडी को भी अनुसंधान का जिम्मा सौंपा गया है। सीआईडी ने अपराधियों का सुराग देने वाले को एक लाख रुपए के ईनाम की भी घोषणा की थी। इसके बावजूद आज तक किसी ने अपराधियों का कोई सुराग नहीं दिया। मामले में क्00 से भी ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई, पर नतीजा सिफर रहा। इस घटना को दिसंबर में एक साल पूरे हो जाएंगे। रांची के लोग अब पूछ रहे हैं कि क्या आरुषि की ही तरह 'अपनी निर्भया' को भी किसी ने नहीं मारा?

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कब-कब क्या हुआ

क्म् दिसंबर : सुबह आठ बजे इस कांड के बारे में पुलिस को सूचना मिली। जांच शुरू हुई।

क्7 दिसंबर : शव का अंतिम संस्कार किया गया। शक के आधार पर छह युवकों को उठाया, पूछताछ कर छोड़ा।

क्8 दिसंबर : फोरेंसिक की टीम ने घटनास्थल की सूक्ष्म जांच की। शहर में आक्रोश पनपना शुरू हुआ।

क्9 दिसंबर : एक हजार छात्रों ने बूटी मोड़ चौराहे को चार घंटे तक जाम किया। पुलिस ने फिर चार को हिरासत में। नतीजा सिफर।

ख्0 दिसंबर : पुलिस का दावा शीघ्र खुलासा कर लेंगे। थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, साक्ष्य संकलन जारी है।

ख्क् दिसंबर : निर्भया के कॉलेज जाकर पुलिस ने सहेलियों से जानकारी ली।

ख्ख् दिसंबर : निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए फिर सड़क पर उतरे लोग।

ख्फ् दिसंबर : कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने कहा, मुहल्ले से लेकर कॉलेज तक मनचलों ने किया था छात्रा का पीछा। पुलिस के हाथ रहे खाली।

ख्ब् दिसंबर : पुलिस ने मुहल्ले के एक-एक घर का ब्योरा व इतिहास खंगाला।

ख्भ् दिसंबर : क्राइम सीन तैयार कर जांच को दिशा देने की कोशिश हुई। छात्रा के मोबाइल, फेसबुक व वाट्सएप तक को खंगाला, पर सुराग नहीं मिला।

ख्म् दिसंबर : मुख्यमंत्री ने छात्रों को दिया ब्8 घंटे के भीतर कांड को सुलझा लेने का आश्वासन।

ख्7 दिसंबर : कोई उपलब्धि नहीं। छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी रहा।

ख्8 दिसंबर : मुख्यमंत्री ने कहा, सफेदपोश का हाथ। ब्8 घंटे में खुलासा नहीं हुआ तो केस सीबीआइ को।

ख्9 दिसंबर : कोलकाता गई टीम को भी सफलता नहीं। टीम वापस लौट आई।

फ्0 दिसंबर : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि।

फ्क् दिसंबर : सीएम का डेडलाइन भी खत्म हुआ। पुलिस के पास कोई सुराग नहीं।

0क् जनवरी : मृतका के वाट्सएप से मिले कई संदिग्ध नंबर।

0ख् जनवरी : मामले में कोई प्रगति नहीं। पुलिस मुहल्ले से लेकर कॉलेज तक का डेटाबेस तैयार करने में जुटी।

0फ् जनवरी : मुख्यमंत्री ने की सीबीइआइ जांच की अनुशंसा।

07 अप्रैल : केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी मांगी।

क्0 अप्रैल : राज्य के गृह विभाग ने मांगी गई जानकारियां केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी।

क्क् अक्टूबर ख्0क्7 : डीजीपी डीके पांडेय ने सरकार के माध्यम से संशोधित कॉपी सीबीआइ को भेजने की अनुशंसा की, ताकि इस मामले की सीबीआई से जांच करवाई जा सके।