RANCHI: रिम्स में आउटसोर्स पर काम करने वाले स्टाफ्स एजेंसी की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे हैं। 700 से अधिक स्टाफ्स को पेमेंट नहीं मिल रहा है। इससे उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। इसके बावजूद एजेंसी स्टाफ्स को पेमेंट देने के लिए तैयार नहीं है। वहीं स्टाफ्स के पेमेंट से की जाने वाली कटौती का भी एजेंसी के पास कोई हिसाब नहीं है। ऐसे में एजेंसी की इस मनमानी पर रोक लगाने के लिए डायरेक्टर ने भी पेमेंट पर रोक लगा दी है। साथ ही एजेंसी को जल्द से जल्द सभी कागजात उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्टाफ्स

हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आउटसोर्स पर स्टाफ्स रखे गए हैं। इसमें फोर्थ ग्रेड से लेकर टेक्निशियन और कंप्यूटर आपरेटर भी शामिल हैं। जहां पेमेंट नहीं दिए जाने के कारण वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। कई लोगों को तो मकान मालिक से अल्टीमेटम भी मिल चुका है। वहीं कुछ के राशन दुकानदारों ने भी अब हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके बाद स्टाफ्स ने डायरेक्टर से पेमेंट की गुहार लगाई थी।

पीएफ-ईएसआई का हिसाब नहीं

आए दिन प्रबंधन को एजेंसी की मनमानी की शिकायत मिल रही थी। बताया गया था कि एजेंसी काफी कम पेमेंट देती है। वहीं पीएफ और ईएसआई के नाम पर जो पैसे काटे जाते हैं, उसका भी आजतक कोई हिसाब नहीं है। वहीं कई लोगों का तो आजतक पीएफ अकाउंट भी नहीं खोला जा सका है। इसी का फायदा उठाकर एजेंसी स्टाफ्स के पैसे हड़प रही है। वहीं कुछ-कुछ दिनों पर स्टाफ्स को भी बदल दिया जाता है। ऐसे में वे पीएफ और ईएसआई के पैसे भी मांगने नहीं आते।

डायरेक्टर ने मंगाई एजेंसी की पेमेंट फाइल

स्टाफ्स के पेमेंट में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद डायरेक्टर ने रिम्स में आउटसोर्स पर काम करने वाली सभी एजेंसियों की फाइल मंगाई है। साथ ही उनसे स्टाफ्स को दिए जाने वाले पेमेंट और उसमें की जाने वाली कटौती का भी ब्योरा मांगा है, ताकि पेमेंट में होने वाली गड़बड़ी पर लगाम कसी जा सके।

वर्जन

एजेंसी स्टाफ्स को सही से पेमेंट नहीं दे रही है। इस वजह से उनके पेमेंट की फाइल रोक दी गई है। जब एजेंसी पूरी डिटेल के साथ फाइल देगी उसके बाद ही एजेंसियों का पेमेंट किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि किस स्टाफ को एजेंसी कितना पेमेंट कर रही है और उन्हें अन्य सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं।

डॉ डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स