- पांच लाख की आबादी, फिर थाना खाली

- स्टॉफ की कमी से प्रभावित रोजाना के काम

GORAKHPUR:

शहर में थानों की थानेदारी के लिए पैरवी होती है लेकिन इस समय कैंट थाने का चार्ज लेने को कोई पुलिस अफसर तैयार नहीं। इंस्पेक्टर हो या सब- इंस्पेक्टर, कोई भी प्रभारी बनने की चाहत नहीं रखता। कैंट थाने में सपा नेता की पिटाई के आरोप में हुई कार्रवाई का खौफ पुलिस अफसरों को परेशान कर रहा है। इस कारण पांच लाख की आबादी की सुरक्षा का भार लिए इस थाने में एक पखवारे बाद भी नियमित प्रभारी की तैनाती नहीं हो सकी है। इसका प्रशासनिक कामकाज पर असर पड़ने लगा है। कैंट थाना 158 पुलिस कर्मचारियों के सहारे चल रहा है।

यह था मामला

कैंट एरिया के दाउदपुर, गोपलापुर निवासी गोपाल यादव आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। पट्टीदार शोभा यादव के साथ उनका भूमि विवाद चल रहा है। 13 जून को विवादित भूमि पर मिट्टी पाटने को लेकर दोनों पक्ष भिड़ गए। मारपीट और फायरिंग में पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को पकड़ लिया। आरोप है गोपाल यादव के बेटे, सपा नेता गौरव यादव उर्फ अतुल को पुलिस ने थाने में पीटा। मामला गर्म होने पर एसएसपी अनंत देव, इंस्पेक्टर राजीव सिंह, एसआई दिनेश तिवारी, मृत्युंजय सिंह, नरेंद्र प्रताप और एक कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई हुई। सभी को अलग- अलग जोन में भेज दिया गया।

कोई नहीं जाना चाहता

पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि थाने में पिटाई प्रकरण का असर पड़ा है। इसकी वजह से कोई इंस्पेक्टर, दरोगा थाना का चार्ज लेने को तैयार नहीं है। जबकि अन्य थानों और चौकियों का चार्ज लेने के लिए मारामारी मची रहती है। जुगाड़ की बदौलत चार्ज लेने की होड़ रहती है। एक हफ्ते से थानेदार तैनात करने की बात चल रही है। लेकिन नाम सामने आने पर दरोगा किसी न किसी बहाने मुकर जा रहे हैं। करीब 15 दिनों से थाना का अस्थाई प्रभारी एसएसआई के जिम्मे हैं। पूर्ण अधिकार के अभाव में प्रशासनिक निर्णय लेने में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

बिन थानेदार यह परेशानी

- थाने का प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलाने में प्रॉब्लम

- त्वरित फैसले लेने में ऊहापोह की स्थिति

- फरियादियों की बात सुनने, उनके प्रार्थना पत्रों के समयबद्ध निस्तारण में दिक्कत

- मुकदमा दर्ज करने, ड्यूटी लगाने का फैसला लेने में कड़ी मशक्कत

- मातहतों के कामकाज की मॉनीटरिंग और उनको निर्देश जारी करने की समस्या

बॉक्स

थाने में पुलिस बल की भारी कमी

शहर का सबसे महत्वपूर्ण कैंट थाना प्रभारी के साथ-साथ पुलिस कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। 10 पुलिस चौकियों वाले थाना क्षेत्र में करीब पांच लाख की आबादी रहती है। पब्लिक की सुरक्षा से लेकर वीआईपी की जिम्मेदारी उठाने वाले थाने में महज 158 पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। फोर्स की कमी से घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर नहीं पहुंच पा रही। समन तामिला, प्रार्थना पत्रों के निस्तारण, विवादों की सूचना पर जांच पड़ताल कार्रवाई, मुकदमों की विवेचना, चेकिंग जैसे रूटीन वर्क भी प्रभावित हो रहे हैं। कैंट थाना में औसतन रोजाना कम से कम 15 मुकदमे दर्ज किए जाते हैं।

पद मानक तैनाती जरूरत

एसएचओ 01 00 01

एसआई 44 29 15

एचसीपी 227 16 211

कांस्टेबल 856 107 744

महिला कांस्टेबल 02 01 01