फालोअप

-सीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे लोग

-गंगा किनारे हुआ शहीद का अंतिम संस्कार

ALLAHABAD: शहीद की शहादत पर राजनीति नहीं चली। फैमिली मेम्बर्स भी इस बात से क्षुब्ध हो गए कि उनका लाडला शहीद हुआ है और कुछ लोग उसकी शहादत पर भी राजनीति कर रहे हैं, सीएम को बुलाने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को घर वाले गांव वालों के साथ शहीद मुकेश का पार्थिव शरीर लेकर श्रृंगवेरपुर घाट पर पहुंचे और यहीं पर उसका अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान सभी लोगों ने नम आंखों से उसकी अंतिम विदाई दी।

माहौल हो गया सामान्य

बुधवार को छत्तीसगढ़ से मुकेश की बॉडी जब उसके गांव पहुंची तो हर तरह मातम छा गया। फैमिली मेम्बर्स ही नहीं गांव वालों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। इस दौरान किसी ने यह कह दिया कि पहले सीएम को बुलाया जाए फिर अंतिम संस्कार होगा। इस बात पर वहां के लोग और भावुक हो गए और उन्होंने भी जिद कर दी। मौके पर पहुंचे एसएसपी दीपक कुमार और डीएम ने उन्हें सांत्वना दी, लेकिन उनकी भावनाओं को देखकर कोई कुछ कह नहीं सका। बुधवार को अंतिम संस्कार नहीं हो सका। रात में जब माहौल नॉर्मल हुआ तो उन्हें इसका अहसास हुआ कि वे गलत कर रहे थे। यह तो बेटे की शहादत का अपमान है। फिर सब कुछ नार्मल हो गया और गुरुवार की सुबह अंतिम संस्कार हुआ।

नक्सली हमले में हुआ था शहीद

नवाबगंज का रहने वाला मुकेश कुमार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में शिकार हुआ था। वहां क्क् जवान शहीद हुए थे, मुकेश उनमें एक था। वारदात के बाद आधी रात को उसके पिता को यह जानकारी दी गई थी कि उनके बेटे को गोली लग गई है और वह शहीद हो गया। सोमवार की रात जैसे उनकी जिंदगी के लिए काली रात बन गई। मंगलवार का दिन परिजनों का रोते-बिलखते बीता। बुधवार को मुकेश का पार्थिव शरीर पहुंचा तो अंतिम दर्शन हुआ, और गुरुवार को सभी ने नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।