चावल-दाल में कटौती, मिल रहा आधा पेट भोजन

-सरकार एक दिन में प्रति मरीज खाने पर 50 रुपए खर्च करती है

-एमजीएम हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने भेजा था 80 रुपए करने का प्रस्ताव

-पनीर गायब, हफ्ते में एक दिन सोमवार को मरीजों को मिल रहा है चिकेन

-सरसों तेल और मसाले में की गई है 50 फीसद की कटौती

JAMSHEDPUR: महंगाई की मार से मरीज भी मुसीबत में हैं। खाने के लाले पड़ गए हैं। थाली से पौष्टिक आहार गायब है तो भात-दाल में भी कटौती कर दी गई है। इससे मरीज आधा पेट भोजन करने को मजबूर हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इस कदम से मरीजों में आक्रोश है। सरकार एक दिन में प्रति मरीज खाने पर सिर्फ भ्0 रुपये खर्च करती है जबकि मंहगाई लगातार बढ़ रही है। अस्पताल के अनुसार खाद्य-पदार्थो की राशि में बढ़ोतरी होने के कारण ही मेनू में कटौती की गई है। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने ख्फ् अक्टूबर ख्0क्फ् को प्रति मरीज खाने की राशि को प्रतिदिन तीस रुपये से बढ़ाकर भ्0 रुपये कर दिया था। हालांकि, अस्पताल प्रंबधन ने 80 रुपए करने का प्रस्ताव भेजा था।

पनीर गायब, चिकेन एक दिन

सरकार की ओर से जब मेनू की राशि फ्0 से बढ़ाकर भ्0 रुपए की गई तो पनीर, चिकेन, दूध सहित अन्य खाद्य पदार्थ मेनू में शामिल किए गए थे लेकिन अब पनीर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं चिकेन को दो दिन के बजाए सप्ताह में एक दिन कर दिया गया है। यह सिर्फ सोमवार को मिलेगा। इसके साथ ही सरसों तेल व मसाला में भी भ्0 फीसद की कटौती की गई है।

रिम्स में 80 तो एमजीएम में भ्0 क्यों?

एमजीएम अस्पताल के मरीजों ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रांची स्थित रिम्स में प्रति मरीज भोजन पर 80 रुपए की राशि उपलब्ध करायी जाती है, जबकि एमजीएम अस्पताल में भ्0 रुपये। मरीजों का कहना है कि एक ही प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऐसा अंतर क्यों है।

मेनू में की गई कटौती

मेनू पहले अब

चावल ख्00 ग्राम क्भ्0 ग्राम

दाल ब्0 ग्राम फ्0 ग्राम

पनीर भ्0 ग्राम बंद

मुर्गा शुक्र, सोम सोमवार

(यह आंकड़ा रोज प्रति मरीज का है)

मंहगाई के कारण खाने में कटौती की गई है, ताकि सभी मरीजों को एक समान भोजन उपलब्ध कराया जा सके। सरकार को प्रति मरीज मिलने वाली राशि बढ़ाने के लिए पत्र लिखा गया है।

-नागेंद्र नाथ सिन्हा, डायटिशियन, एमजीएम हॉस्पिटल