जेल में प्रॉपर सिक्योरिटी अरेंजमेंट को लेकर स्पेशल ब्रांच ने जेल आईजी को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि जेल में बंद नक्सली और क्रिमिनल्स किसी बड़े घटना को अंजाम दे सकते हैं। कुछ दिन पहले घाघीडीह सेंट्रल जेल और हजारीबाग जेल के कैदियों ने भी अपनी मांगें मनवाने के लिए अनशन किया था।
कैदी होने लगे है एकजुट
स्पेशल ब्रांच के एसपी ने जेल आईजी को लिखे लेटर में सिक्योरिटी के कई प्वाइंट्स की ओर ध्यान आकर्षित करवाया है। इसमें कहा गया है कि घटशिला जेल के कैदी एकजुट हो रहे हैैं। यह जेल की सिक्योरिटी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। साथ ही दूसरे जेल में बंद कैदियों पर भी इसका असर पड़ सकता है। इस लेटर की कॉपी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को भी भेजी गई है।
जेल में बंद हैं 26 नक्सली
घाटशिला जेल में फिलहाल करीब 600 कैदी हैं, जिनमें 26 नक्सली शामिल हैं। स्पेशल ब्रांच ने जेल के अंदर और बाहर कड़ी नजर रखने की जरूरत बताई है। इसके तहत पहली कड़ी के रूप में कैदियों से मिलने आने वालों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है, ताकि मिलने आने वाले कैदियों को कोई संदिग्ध चीज नहीं दे सकें। इतना ही नहीं कैदी और विजिटर्स के बीच हो रहे इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज पर भी नजर रखने की जरूरत बताई गई है। लेटर में कहा गया है कि जेल से घाटशिला थाना तो करीब है, लेकिन धालभूमगढ़ थाना दूर है। इन दोनों के बीच पैट्रोलिंग को लेकर बेहतर तालमेल की जरूरत है। इसके अलवा जेल के चाहरदिवारी को कंटीले तार से घेराबंदी करने, वॉच टावर के जरिए नजर रखने की बात कही गई है।
बनाई गई है कमिटी
जेल आईजी ने कहा कि स्पेशल ब्रांच द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सूचना पर कार्रवाई की जाती है, ताकि व्यवस्था दुरुस्त रहे। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट में एक कमिटी भी बनाई गई है, जिसमें डीसी और एसपी भी शामिल हैं। कमिटी की हर महीने एक मीटिंग होती है। इसमें सिक्योरिटी व अन्य व्यवस्था पर चर्चा की जाती है और इसकी रिपोर्ट जेल एडमिनिस्ट्रेशन को भेजी जाती है।

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हमने निर्देश दिया है कि हर मंथ प्रोपर तरीके से मिटिंग हो। जहां तक जेल में कैदियों के अनशन व यूनाइट होने की बात है, तो यह वहां उनकी कुछ प्रॉब्लम को लेकर हो सकती है। इसमें कोई कॉमन एजेंडा नहीं होता है।
शिवशंकर तिवारी
जेल आईजी, झारखंड