- बीआरडी के इमरजेंसी मेडिसीन वार्ड में भर्ती कर ली गई स्वाइन फ्लू की संभावित मरीज

- डॉक्टर्स व नर्सिग स्टाफ का नहीं हुआ है वैक्सीनेशन, बाकी मरीजों पर भी मंडरा रहा संक्रमण का खतरा

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन मरीजों ही नहीं अपने डॉक्टर्स की जान से भी खिलवाड़ कर रहा है। बेहद संक्रामक रोग स्वाइन फ्लू को लेकर यहां बरती जा रही लापरवाही तो यही दर्शा रही है। यहां के इमरजेंसी मेडिसीन 14 नंबर वार्ड में जिम्मेदारों ने बाकी मरीजों के साथ ही स्वाइन फ्लू की एक संभावित मरीज को भर्ती कर दिया है। हद तो ये कि डॉक्टर्स व स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन तक नहीं लगवाई गई है। बीआरडी में संक्रामक रोगों से बचाव की तैयारियों का हाल जानने पहुंचे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर को अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से डरे मेडिकल स्टाफ ने बताई अपनी दिक्कत।

आईसोलेशन वार्ड छोड़ दिया खाली

मेडिकल स्टाफ ने रिपोर्टर को बताया कि एक ओर जहां इमरजेंसी मेडिसीन 14 नंबर वार्ड में स्वाइन फ्लू की संभावित को भर्ती कर दिया गया है। वहीं, ऐसे मरीजों को रखे जाने वाले आइसोलेशन वार्ड को जिम्मेदारों ने खाली छोड़ रखा है। यहां तैनात स्टाफ को भी हाई सिक्योरिटी मास्क उपलब्ध करवाने को लेकर जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। इतना ही नहीं संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले स्टाफ, मरीज को लाने-ले जाने वाले ट्रॉली मैन और अन्य नर्सिग स्टाफ को भी वैक्सीन नहीं लगाई गई है। जबकि शासन ने सरकारी व निजी अस्पतालों को स्वाइन फ्लू को लेकर गंभीरता बरतने के निर्देश दे रखे हैं। इस कारण कर्मचारी स्वाइन फ्लू को लेकर खुद डरे हुए हैं।

घबराए जूनियर रेजीडेंट्स

इमरजेंसी मेडिसीन वार्ड में भर्ती स्वाइन फ्लू का संभावित मरीज की रिपोर्ट में एच-1 व एन-1 की पुष्टि होने से जूनियर रेजीडेंट्स दशहत में हैं। अपनी सुरक्षा के लिए जूनियर रेजीडेंट्स ने एसआईसी को पत्र लिख सभी डॉक्टर्स के लिए वैक्सीनेशन कराए जाने की मांग उठाई है।

एन 95 मास्क की कमी

जानकारों के मुताबिक स्वाइन फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए एन 95 ट्रिपल लेयर मास्क सबसे सुरक्षित है। इस मास्क में प्लास्टिक के तीन फिल्टर होते हैं। ये फिल्टर सांस के साथ तमाम प्रकार के संक्रमित वायरस और धूल को भी शरीर में पहुंचने से रोकता है। लेकिन स्थिति ये है कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स व स्टाफ को एन 95 ट्रिपल लेयर तो क्या साधारण मास्क तक उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर और नर्सिग स्टाफ खुद बाजार से मास्क खरीदने को मजबूर हैं।

- इमरजेंसी में हर रोज आते 50 से 60 मरीज

- जूनियर रेजीडेंट्स की संख्या 8

- स्टाफ 6

- स्टाफ नर्स 8

स्वाइन फ्लू के लक्षण

- नाक का लगातार बहना, छींक आना।

- मांसपेशियों में दर्द व अकड़न

- सिर में भयानक दर्द

- नींद ना आना, ज्यादा थकान आना

- दवा खाने के बाद भी लगातार बुखार का बढ़ना

-गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।

वर्जन

अभी मरीज की रिपोर्ट नहीं आई है। आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने की बात चल रही है। इलाज करने वाले डॉक्टर्स व स्टाफ का वैक्सीनेशन जल्द ही कराया जाएगा।

- डॉ। रमाशंकर शुक्ला, एसआईसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज