RANCHI : रांची रेलवे स्टेशन की यह विडंबना ही है कि यहां रिटायरिंग रुम की व्यवस्था तक नहीं है, जहां पैसेंजर्स कुछ पल के लिए आराम कर सकें, जबकि यह स्टेशन इस्टर्न जोन के सबसे अधिक राजस्व देने वाले स्टेशनों में से एक है। स्टेशन में रिटायरिंग रुम की व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्रति रेलवे अधिकारी भी गंभीर नहीं है।

बाहर के पैसेंजर्स को परेशानी

रिटायरिंग रूम नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी वैसे पैसेंजर्स को होती है, जो बाहर से आते हैं। अगर ट्रेन लेट हो, तो बाहर के पैसेंजर्स की मुसीबत और बढ़ जाती है। आखिर कहां आराम करें, वे समझ नहीं पाते हैं। कई पैसेंजर्स को होटल में ठहरना ज्यादा मुनासिब समझते हैं, भले ही उन्हें खर्च ज्यादा करनी पड़ती है।

लेकिन खोल दिया है काउंटर

रांची रेलवे स्टेशन में भले ही रिटायरिंग रुम नहीं है, पर बाकायदा इसके लिए काउंटर रन कर रहा है। यहां अन्य स्टेशनों के रिटायरिंग रुम के लिए ऑनलाइन बुकिंग होती है, पर यह काउंटर भी हमेशा बंद ही रहता है। इस वजह से रांची से बाहर जानेवाले पैसेंजर्स भी दूसरे स्टेशनों के रिटायरिंग रुम की ऑनलाइन बुकिंग कराने में दिक्कतें होती हैं।

पैसेंजर्स ने बताई परेशानी

रांची से ही टिकट रिजर्वेशन है। ट्रेन के आने में 12 घंटे का समय बचा है। रिटायरिंग रूम नहीं होने से होटल में ठहरना पड़ेगा। इसके लिए खर्च ज्यादा होगा, साथ ही परेशानी भी बढ़ जाएगी।

रंजीत

रिटायरिंग रूम के होने से आराम करने का मौका मिल जाता है। इतने बड़े स्टेशन पर हजारों पैसेंजर्स हर दिन अलग-अलग शहरों से आते है। इसके बावजूद यहां रिटायरिंग रुम का नहीं होना अफसोस की बात है।

जयप्रकाश

वर्जन

यहां रिटायरिंग रुम नहीं है। इस वजह से काउंटर भी बंद रहता है। इस वजह से पैसेंजर्स को होनेवाली परेशानी से वाकिफ हैं। इस बाबत रेल मंडल के अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

एचके पांडेय

स्टेशन मैनेजर, रांची रेलवे स्टेशन