पॉलीथिन बैन अभियान से दूरी बना रहे निगम और प्रशासन

पहले 15 जुलाई अब 2 अक्टूबर पर नतीजे सिफर

Meerut। प्रदेश समेत मेरठ में दो अक्टूबर से भले ही पॉलीथिन पूरी तरह प्रतिबंधित हो गया हो लेकिन इस आदेश को लागू करने वाले खुद इस आदेश को भूले बैठे हैं। नगर प्रशासन और नगर निगम दोनो के सहयोग से पॉलीथिन को जनपद में बैन करना था लेकिन दो अक्टूबर भी बीत गया ओर लेकिन शहर में पॉलीथिन का धड़ल्ले से खुलेआम प्रयोग थम नही रहा है। दुकानों से लेकर आम ठेले वालों के पास पॉलीथिन में सामान बेचा जा रहा है। जिन्हें ना जुर्माने का डर है और ना ही कोई चेकिंग का खौफ।

अधर में अभियान

तीन माह पहले 15 जुलाई तक पॉलीथिन को जनपद में प्रतिबंधित करने के लिए प्रशासन और निगम द्वारा अभियान चलाया गया था। तब निगम ने बकायदा 500 रुपए से 25 हजार रुपए तक के जुर्माने की घोषणा भी की थी और टीम गठित कर चेकिंग अभियान शुरु किया गया था। जबकि इससे पहले गत वर्ष 1 सितंबर को कमिश्नर के आदेश पर बैन का अभियान चलाया गया था। लेकिन तब भी यह अभियान अधर में रहा था और इस बार भी तीन माह बाद तक प्रशासन जनपद के बाजारों से पॉलीथिन को हटाने में नाकामयाब साबित हो रहा है।

दो माह से अभियान जीरो

प्रशासन स्तर पर जुलाई माह पॉलीथिन प्रतिबंध के लिए सात टीमों को गठन किया गया था। ये सात टीमों के अतिरिक्त निगम स्तर पर हर वार्ड में एक एक टीम का गठन किया गया था जो दुकानों पर औचक निरीक्षण कर जांच व जुर्माने की कार्रवाई कर रही थी लेकिन अगस्त माह से इन टीमों का शहर में अभियान जीरो हैं। ना तो अभियान का कोई अपडेट प्रशासन के पास है और ना ही टीम का शहर में कोई अभियान चल रहा है।

विकल्प की कमी

पॉलीथिन बैन की कवायद के बाद केवल 10 प्रतिशत व्यापारी ही पॉलीथिन के प्रति सजग हो सके और शहर में मानकों के अनुरुप पॉलीथिन का प्रयोग शुरु हो सका। लेकिन बावजूद इसके अभी भी शहर की 90 प्रतिशत दुकानों और रेहडि़यों पर प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है। प्रशासन द्वारा पॉलीथिन के विकल्प के तौर पर लोगों से कपडे़ के बैग का इस्तेमाल शुरु करने की अपील की थी और व्यापारियों से 51 माइक्रोन की पॉलीथिन का प्रयोग करने को कहा था लेकिन आदेश का असर अभी बेसर है।

फैक्ट

800 टन करीब रोजाना कूडे़ में 20 से 25 टन प्लास्टिक वेस्ट का उत्पादन

71 पॉलीथिन व डिस्पोजल गिलास बनाने की इकाइयां जिले में

18 इकाइयां फिलहाल कर रही 50 माइक्रोन से अधिक की पॉलीथिन का उत्पादन

500 रुपए से 25 हजार तक जुर्माने का है प्रावधान

7 टीमों का गठन किया गया है पॉलीथिन बैन के लिए

278 टन प्रतिबंधित पॉलीथिन पकड़ी टीमों ने जुलाई में

डीएम स्तर पर सात टीमों का गठन किया गया था सभी टीमें अपने स्तर पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रशासन को मुहैया करा रही है। निगम द्वारा भी जल्द बड़ा अभियान चलाया जाएगा।

अली हसन कर्नी, अपर नगरायुक्त

पॉलीथिन का प्रयोग पहले से कम हो रहा है लेकिन अभी भी बाजार में काफी अधिक मात्रा में पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है।

धर्मवीर

यह खुद हम लोगों को समझाना पडेगा कि पॉलीथिन खुद हमारे लिए कितनी खतरनाक है। इसका प्रयोग हमारी अगली पीढि़यों के लिए नुकसानदायक है। तभी रोक लग पाएगी।

देवेश धामा

व्यापारियों के पास अभी विकल्प की कमी है। कई सारे प्रोडक्ट ऐसे हैं जो कागज के लिफाफों में नही दिए जा सकते हैं। ऐसे में दुकानदार भी मजबूर हैं पॉलीथिन के प्रयोग के लिए।

डॉ। नफीस