- भर्ती बोर्ड के अपर सचिव की ओर से हुसैनगंज थाने पर अज्ञात के खिलाफ केस

- सोशल मीडिया और खबरिया चैनलों पर प्रचारित फर्जी सूचनाओं की जानकारी भी दी

जांच साइबर सेल को सौंपी जा सकती
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LUCKNOW : बोर्ड ने राजधानी के हुसैनगंज कोतवाली में ऐसे अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। मामला सोशल मीडिया से जुड़ा होने की वजह से इसकी जांच साइबर सेल को सौंपी जा सकती है। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो यह हरकत पिछले कई सालों से जारी है ताकि पुलिस की भर्तियों में रोड़ा अटकाया जा सके। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष जीपी शर्मा के निर्देश पर अपर सचिव सुरेश्वर ने हुसैनगंज पुलिस से बीती रात इस मामले की शिकायत की जिसके बाद तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली गयी।

अपर सचिव ने कराई एफआईआर
पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने कहा कि आरक्षी नागरिक पुलिस एवं आरक्षी पीएसी के पदों पर सीधी भर्ती-2018 के अंतर्गत 41,520 पदों के लिए ऑफ लाइन लिखित परीक्षा दिनांक 18 एवं 19 जून को प्रदेश के 56 जनपदों में आयोजित कराई गयी थी जो सकुशल संपन्न हो चुकी है। इस परीक्षा के निरस्त जाने के संबंध में भर्ती बोर्ड द्वारा कोई भी सूचना जारी नहीं की गयी है। अवांछनीय तत्वों द्वारा कूटरचित अभिलेख तैयार करके जनसाधारण को धोखा देने की नीयत से भर्ती बोर्ड का फर्जी मोनोग्राम लगाकर तथा मेरे फर्जी हस्ताक्षर से कतिपय स्थानों पर पेपर लीक होने का उल्लेख करते हुए उक्त परीक्षा निरस्त किए जाने के संबंध में विभिन्न वाट्सएप ग्रुप एवं टीवी चैनलों पर असत्य एवं भ्रामक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

सूचनाओं की प्रतियां भी मुहैया कराई
यह एक गंभीर प्रकरण है तथा इससे लोक व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। साथ ही ऐसे दुष्प्रचार से उप्र शासन एवं उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की छवि जानबूझकर धूमिल की जा रही है। अपर सचिव ने व्हाट्सएप पर तथा टीवी चैनल पर फर्जी प्रचारित-प्रसारित होने वाली सूचनाओं की प्रतियां भी मुहैया कराई है।

जुलाई में फिर परीक्षा की गलत खबर
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हुए फर्जी लेटर की सत्यता को परखे बगैर कुछ खबरिया चैनलों ने इसकी खबर दिखाने के साथ यह गलत जानकारी देनी शुरू कर दी कि निरस्त हुई परीक्षा अब आगामी 15 और 16 जुलाई को फिर से होगी। इससे बोर्ड के अधिकारियों की नाराजगी बढ़ गयी और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराने का फैसला लिया गया ताकि इस पर अंकुश लगाया जा सके।

सिंडीकेट बनाकर कर रहे फर्जीवाड़ा
वहीं भर्ती बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो फर्जी लेटर जारी होने का सिलसिला पिछले कई सालों से जारी है। दरअसल इसके पीछे कुछ खास लोगों को सिंडीकेट है जो किसी भी भर्ती परीक्षा को सकुशल नहीं होने देना चाहते हैं। हालिया सिपाही सीधी भर्ती परीक्षा के सकुशल संपन्न होने से उनके मंसूबे कामयाब नहीं हुए जिसकी वजह से वह परीक्षा को निरस्त कराने के लिए फर्जी लेटर वायरल कर रहे हैं।

एफआईआर दर्ज करा दी गयी
भर्ती बोर्ड ने सिपाही सीधी भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराया है। इसके बावजूद कुछ अवांछनीय तत्व इसमें अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पीछे किन लोगों का हाथ है, इसका पता लगाने के लिए बोर्ड की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गयी है।
जीपी शर्मा, चेयरमैन, उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड