पूछताछ नहीं आई पसंद

सैटरडे लेट नाइट को बल्केश्वर में  कोबरा मोबइल के दो सिपाही प्रदीप कुमार और दीपेन्द्र कुमार गश्त कर रहे थे। तभी किशन बिहार, बल्केश्वर के रहने वाले रईसजादे केशव पुत्र संतोष अग्रवाल को सिपाहियों ने रोक लिया और उससे पूछताछ करनी शुरू कर दी। लेकिन, केशव को यह रास नहीं आया। दबंग रईसजादे ने सिपाहियों ने अभद्रता करना शुरू कर दिया। ये देख दोनों सिपाहियों का पारा भी चढ़ गया। इसी बीच केशव ने दोनों सिपाहियों के साथ मारपीट भी शुरू कर दी और कोबरा मोबाइल गाड़ी को तोड़ डाला। केशव की इस हरकत को देख पुलिसकर्मियों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी केशव को न्यू आगरा थाने ले आए. 

पॉवर के आगे झुके ऑफिसर्स

पुलिस जैसे ही केशव को थाने लेकर पहुंची तो मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी। बताया जा रहा है कि इनमें पुलिस ऑफिसर्स के फोन भी शामिल थे। फोन सुनने के बाद पुलिसकर्मियों के तेवर ही बदल गए। उनके रुख में नरमी आ गई। रईसजादे की पॉवर को देख थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों के होश फाख्ता हो गए। एक दारोगा और इंस्पेक्टर उसकी आवभगत करने लगे.यह देख पीडि़त दोनों सिपाही हैरत में पड़ गए। पुलिस ने अपनी नाक बचाने के लिए आनन-फानन में  केशव के खिलाफ धारा 389, 427, 323, 355 और 207 मे मुकदमा दर्ज कर लिया और संडे मार्निंग में कोर्ट में पेश कर उसे जमानत दिलवा दी. 

सिपाहियों का हौसला टूटा

रईसजादे केशव की पॉवर को देख सिपाहियों का हौसला भी टूट गया। अगर यही काम किसी कॉमनमैन ने किया होता, तो पुलिस उसे जेल भेजने के पूरे इंतजाम कर देती। पुलिस ऑफिसर्स द्वारा रईसजादे केशव को दिए गए मान-सम्मान को देख दोनों सिपाहियों का मनोबल टूटता दिखाई दिया। इतना ही नहीं, ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी चीलगढ़ चौराहे के पास दसवीं के एक बिगड़ैल स्टूडेंट ने गाड़ी को एक वृद्ध व्यक्ति पर चढ़ा दिया था। लेकिन, उसके ऊंचे रसूख के चलते पुलिस ने पहुंचकर समझौता करा दिया। इसके अलावा मंटोला, शाह मार्केट और खंदौली क्षेत्र में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यहां भी पुलिस ऑफिसर्स ने कोई कार्रवाई नहीं की।