एआरटीओ कार्यालय में डीएम ने मारा छापा, मिली खामियां ही खामियां

लिपिक के कमरे में बैठे मिले दलाल, ड्राइवर बेच रहा था रजिस्ट्रेशन फार्म

एआरटीओ प्रशासन और प्रवर्तन के अनुपस्थित रहने पर डीएम ने जताई नाराजगी

डीएम ने लिपिक मोहन लाल के ड्राइवर मंजीत के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के दिए आदेश

HARIDWAR: एआरटीओ कार्यालय में घोटालों और मनमानी की लंबे समय से मिल रही शिकायत पर डीएम के एक्शन से एआरटीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया। डीएम के छापेमारी के दौरान लिपिक के कमरे में दलाल बैठे मिले तो रजिस्ट्रेशन फार्म काउंटर के बजाय बाहर महंगे दामों पर बेचे जा रहे थे।

मचा हड़कंप

सोमवार को भेलकर्मी की शिकायत पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने सुबह क्क् बजे एआरटीओ कार्यालय में अचानक छापा मारा। इस दौरान कैंपस में ऑटो में एक व्यक्ति अधिक कीमत पर रजिस्ट्रेशन फार्म बेचता मिला। डीएम ने उसे पकड़ा तो पता चला कि उसने लिपिक मोहन लाल की मिलीभगत है। जिलाधिकारी के कार्यालय में घुसते ही हड़कंप मच गया। जब वह ऑफिस में घुसे तो वहां बाहरी लोगों का कब्जा था। दलाल लिपिक की कुर्सी पर बैठकर काउंटर से लोगों को डील कर रहे थे। यह देखकर डीएम का पारा चढ़ गया। डीएम को पहचानते ही कई तो भाग खड़े हुए। पूछताछ में पता चला कि लिपिक मोहन लाल काउंटर पर फार्म लेने वालों को यह कहकर लौटा देता थे कि ऑफिस में फार्म नहीं हैं, देहरादून से जब आएंगे तो मिलेंगे। बाद में परेशान लोग बाहर अधिक कीमत देकर उसके ड्राइवर से फार्म खरीदकर पंजीकरण के लिए आवेदन करते थे। पूछताछ में आरआई और लिपिकों के स्पष्ट जवाब न देने पर डीएम ने चेताया कि आधे घंटे में सबको ठीक कर दूंगा। वहीं एआरटीओ प्रशासन और प्रवर्तन के अनुपस्थित रहने पर डीएम ने नाराजगी जताई। डीएम ने लिपिक मोहन लाल के ड्राइवर मंजीत के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

बिचौलियों का सामान जब्त

जिलाधिकारी ने अपनी कार्रवाई के दौरान बाहर अनाधिकृत रूप से दुकान लगाकर विभाग से संबंधित कागजात रखने, लाइसेंस बनवाने में जुटे बिचौलियों के कागजात व अन्य सामग्री जब्त कर ली।