श्रीकृष्णा अपार्टमेंट
बोरिंग रोड को पॉश इलाके में शुमार किया जाता है। श्रीकृष्णा अपार्टमेंट और यमुना अपार्टमेंट इस इलाके का सबसे ऊंचा अपार्टमेंट है। आठ फ्लोर वाले श्रीकृष्णा अपार्टमेंट में तीन फ्लोर तक कमर्शियल फ्लैट्स हैं। ग्राउंड फ्लोर से लेकर आठवें फ्लोर तक कहीं भी फायर सेफ्टी का कोई एक्विपमेंट्स सही हालत में नहीं दिखे। फायर स्टिंग्विशर तो है, लेकिन 2007 के बाद से इसे रिफिल नहीं करवाया गया है। हर फ्लोर पर हॉज रील की भी फिटिंग की गई है। लेकिन फिटिंग के बाद से इसका कभी ट्रायल नहीं किया गया है। इस अपार्टमेंट में 65 फ्लैट्स हैं। आज तक न तो सिक्योरिटी गार्ड को फायर फाइटिंग की कभी ट्रेनिंग दी गई और न ही सोसाइटी के लोगों को।

यमुना अपार्टमेंट
यमुना अपार्टमेंट जिस समय बन कर तैयार हुआ था राजधानी की सबसे ऊंची इमारतों में से एक था। कई मायनों में यह दूसरे अपार्टमेंट से फायर सेफ्टी के मामले में अव्वल है, लेकिन बात जब फायर सेफ्टी ऑडिट की होती है, तब इस अपार्टमेंट की सोसाइटी के पास कोई जवाब नहीं है। पिछले 18 सालों से इस अपार्टमेंट के केयर टेकर का काम कर रहे के पी श्रीवास्तव ने कहा कि आज ही आई नेक्स्ट में फायर सेफ्टी ऑडिट की खबर देखी है। सोसाइटी की अगली मीटिंग में इस पर चर्चा करने की सलाह मेरी ओर से दी जाएगी। इनकी तत्परता का ही नतीजा दिखा कि फायर स्टिंग्विशर सिलेंडर की भी रेग्युलर रिफिलिंग हो रही है। केयर टेकर ने बताया कि एक परमानेंट इम्पलाई है, जो फायर सेफ्टी को लेकर अलर्ट रहता है।

उदयगिरी अपार्टमेंट
80 फ्लैट्स वाले उदयगिरी अपार्टमेंट को राजधानी का सबसे अधिक स्पेस वाला अपार्टमेंट कह सकते हैं। लेकिन फायर सेफ्टी के नाम पर खुला स्पेस ही है। 14 फ्लोर वाले इस अपार्टमेंट के सेक्रेटरी बृजकिशोर पांडेय भी फूलप्रूफ फायर सेफ्टी न होने की बात को स्वीकार करते हैं। इसके पीछे उनका कहना है कि यहां लोग मेनटेनेंस देने के नाम पर बहुत आनाकानी करते हैं। यही कारण है कि फायर सेफ्टी ऑडिट जैसी चीजें नहीं हो सकी हैं। इसके कई फ्लैट्स ओनर आईएएस और जज हैं। कई रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स हैं। बिल्डर्स ने फायर सेफ्टी को लेकर 60 हजार लीटर वाला वाटर टैंक बनवा दिया है। इसके अलावा 30 हजार लीटर का टैंक है, जो सबसे टॉप फ्लोर है। लेकिन फायर सेफ्टी को लेकर सिक्योरिटी गार्ड या सोसाइटी के लोगों के बीच कभी ट्रेनिंग नहीं दी गई। फायर स्टिंग्विशर सिलेंडर कई सालों से रिफिल नहीं करवाए गए हैं।

लोकनायक जयप्रकाश भवन
 लोकनायक जयप्रकाश भवन। राजधानी का हार्ट कहा जानेवाला डाकबंगला चौराहे के निकट स्थित है। 77,577 स्क्वायर फीट में बनी इस बिल्डिंग के तीन फ्लोर पर इनकम टैक्स का, एक फ्लोर पर एनटीपीसी का और एक फ्लोर पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम का दफ्तर है। इसके अलावा इसमें सरकारी बैंक का भी ऑफिस है। इन सबों के बावजूद ग्राउंड फ्लोर से लेकर टॉप फ्लोर तक फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं हैं। एनटीपीसी और इनकम टैक्स ऑफिस वाले फ्लोर पर हॉज रील को लोगों ने डस्टबीन बना कर रखा है। सिक्योरिटी मैन आर एन पांडेय कहते हैं कि दूसरे ऑफिस में तो हम लोगों को सालाना फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन पिछले चार सालों से कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है.