- एक जुलाई से दून के सभी इंटर कॉलेज और हाईस्कूल में बायोमेट्रिक अटैंडेंस की अनिवार्यता

- सीईओ ने जारी किया आदेश, एक जुलाई से बायोमेट्रिक अटैंडेंस न लगाने वालों की रोक दी जाएगी सैलरी

- दून के 250 स्कूलों पर लागू होगा आदेश, फिलहाल प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को राहत

DEHRADUN : एक जुलाई से बायोमेट्रिक अटैंडेंस न लगाने वाले टीचर्स की सैलरी रोक दी जाएगी। दून के सीईओ द्वारा ये आदेश जारी किया गया है। ये आदेश दून के 250 हाईस्कूल और इंटर कॉलेजेज पर लागू होगा। ऐसे में उन स्कूलों की मुश्किल बढ़ गई है, जहां अभी तक बायोमेट्रिक अटैंडेंस मशीनें इंस्टॉल नहीं की गई हैं या फिर खराब पड़ी हैं। बताया यह भी जा रहा है कि दून में इस व्यवस्था के बाद प्रदेश में भी इसे लागू किया जा सकता है।


-----आंकडों पर एक नजर------

देहरादून

170 सरकारी हाईस्कूल, इंटर कॉलेज

80 अशासकीय हाईस्कूल, इंटर कॉलेज

1100 प्राइमरी व जूनियर स्कूल

 

प्रदेश

19 हजार कुल स्कूल

3000 स्कूलों में नहीं बिजली

24 माह बाद हर स्कूल में बायोमेट्रिक अटैंडेंस होगी जरूरी

 

80 अशासकीय स्कूलों में नहीं मशीनें

राजधानी देहरादून में जुलाई से शिक्षा विभाग ऐसे टीचर्स की सैलरी जारी नहीं करेगा, जिनकी बायोमेट्रिक अटैंडेंस की डिटेल विभाग को नहीं मिलेगी। इस व्यवस्था की शुरुआत इंटर, हाईस्कूल स्तर से किया जा रहा है। हालांकि, दून के सभी 170 हाईस्कूल, इंटर कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जा चुकी है। लेकिन, 80 अशासकीय स्कूलों में अभी तक मशीनें नहीं लगी हैं। ऐसे में एक जुलाई से यहां का स्टाफ बायोमेट्रिक अटैंडेंस कैसे लगाएगा, ये बड़ा सवाल है। जाहिर है एक जुलाई से इन स्कूलों की दिक्कत बढ़ने वाली है।

 

विभाग को सौंपनी होगी डिटेल

दून के सीईओ द्वारा जारी आदेश में साफ किया गया है कि सैलरी बनने से पहले सभी हाईस्कूल और इंटर कॉलेजेज को अपने स्टाफ की बायोमेट्रिक अटैंडेंस का रिकॉर्ड हर हाल में शिक्षा विभाग को सौंपना होगा। स्कूलों द्वारा समिट की जाने वाली इसी रिपोर्ट के आधार पर स्टाफ की सैलरी जारी की जाएगी। जिस स्कूल से बायोमेट्रिक अटैंडेंस की रिपोर्ट नहीं मिलेगी तो वहां की सैलरी रोक दी जाएगी।

 

प्राइमरी, जूनियर स्कूलों को फिलहाल राहत

सीईओ एसबी जोशी ने बताया कि दून में 1100 प्राइमरी और जूनियर स्कूल हैं। इन स्कूलों में बजट की कमी के कारण बायोमेट्रिक मशीनें नहीं लगाई जा सकी हैं। इन स्कूलों में फिलहाल बायोमेट्रिक अटैंडेंस शुरू नहीं की जा सकेगी। बजट मिलने पर ही इन स्कूलों में मशीनें इंस्टॉल की जाएंगी। फिलहाल सैलरी वाला रूल इन स्कूलों पर लागू नहीं किया जाएगा।

 

प्रदेश में 19 हजार स्कूल

पूरे प्रदेश में 19 हजार स्कूलों में बायोमेट्रिक अटैंडेंस का फैसला शिक्षा विभाग के लिए बड़ा चैलेंज साबित होगा। सूबे के 3 हजार स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में इन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें कैसे काम करेंगी ये एक सवाल है। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक 24 महीने में सूबे के सारे स्कूलों में बायोमेट्रिक अटैंडेंस की व्यवस्था करने को लेकर शिक्षा विभाग को युद्ध स्तर पर अभी से कार्यवाही शुरू करनी होगी, जिसके लिए बड़े बजट की भी जरूरत होगी और शिक्षा विभाग बजट का टोटा बता रहा है। प्रदेश के जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन ट्रायल के लिए लगाई गई थी, वहां पर 2 माह बाद ही यह व्यवस्था फेल हो गई। इतना ही नहीं बायोमेट्रिक मशीन के साथ उससे संबधित संसाधनों को जुटाना होगा। इसमें बिजली और पि्रंटर जैसे संसाधन महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में इन सबके लिए बजट की व्यवस्था भी करनी होगी।

 

हाईकोर्ट के हैं सख्त आदेश

हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों में 24 माह के भीतर बॉयोमेट्रिक मशीनें लगाने और बायोमेट्रिक अटैंडेंस सिस्टम शुरू करने का आदेश दिया है।

 

देहरादून के सभी इंटर कॉलेज और हाईस्कूल में बायोमेट्रिक अटैंडेंस एक जुलाई से अनिवार्य होगी। इसमें सभी शासकीय और अशासकीय स्कूल शामिल होंगे। जूनियर और प्राइमरी स्कूलों में बजट मिलते ही बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

एसबी जोशी, सीईओ, देहरादून