छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : रक्षा बंधन का पर्व आते ही मिठाइयों का बाजार सजने को तैयार हैं। ऐसे में दुकानदार मिलावट का कारोबार करने को तैयार बैठे हैं। ऐसे में खोया से लेकर रंग, बेसन, चीनी, अरारोट जैसे मिठाई बनाने में प्रयोग किए जाने वाले सामानों में मिलावट शुरु हो गई हैं। बता दे कि मार्केट में फेस्टिव सीजन को देखते हुए व्यापारी और दुकानदार मिलावटी समान बाजार में बेचकर मुनाफा कमाते हैं। शहर में मिलावट खोरों पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने कोई तैयारियां नहीं की है। जहां त्योहार को अब महज एक दो दिन शेष बचे हैं। ऐसे में भी टीम सक्रिय नहीं दिख रही हैं।

दुकानदारों की रहेगी मौज

इस साल रक्षाबंधन पर खुलेआम मिलावट का कारोबार होगा। शहर में तैनात फूड इंस्पेक्टर गुलाब लाकड़ा को श्रावणी मेले के लिए देवघर भेज दिया गया हैं। इससे इस साल शहर के दुकानदारों की चेकिंग कैसे हो सकेगी। फूड इंस्पेक्टर के जाने से उनका चार्ज सिविल सर्जन माहेश्वर प्रसाद के पास हैं।

दो फूड इंस्पेक्टर के भरोसे पूरा राज्य

बता दे कि प्रदेश में महज दो ही फूड इंस्पेक्टर तैनात हैं। जबकि प्रदेश में फूड इंस्पेक्टर के 22 पद खाली हैं। विभाग द्वारा दो फूड इंस्पेक्टर रांची और जमशेदपुर में ही कार्यरत हैं। विभाग ने एक साल में एक भी दुकान के नमूने नहीं लिए है। जिससे शहर में मिलावट का कारोबार फल फूल रहा हैं।

यूपी-बंगाल से आ रहा मिलावटी खोवा

फेस्टिवल में अचानक खोवा-मेवा की खपत बढ़ने से व्यापारियों के सामने डिमांड पूरी करना बड़ा चैलेंज हैं। एक व्यापारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि बाहर से आने वाले खोवा-मेवा की कभी भी जांच नहीं होती। बाहर से जैसे आते हैं, वैसे ही दुकानदार इस्तेमाल करते हैं। खोवा ट्रेन एवं बस के माध्यम से बंगाल, कानपुर, बिहार सहित अन्य राज्यों से यहां आता है। अधिक गर्मी पड़ने के कारण कई बार खोवा खराब भी हो जाता है।

मिलावट पाए जाने पर 10 लाख तक का जुर्माना

खाद्य सुरक्षा और मानक कानून 2006 के तहत मिलावटखोर को पहली श्रेणी में घटिया और मिलावटी माल की ब्रिकी करने पर 10 लाख तक का जुर्माना किया जा सकता है। वहीं दूसरी श्रेणी में अगर नकली खाद्य पदार्थ से किसी की मौत हो जाती है तो अदालत की ओर से उसे 7 साल से कैद और 10 लाख रुपए का जुर्माना किया जा सकता है।