साख और सिक्योरिटी पर सवाल
बीमार कैदी के इलाज के लिए इस वार्ड का निर्माण किया गया था, पर यहां पर अपराध की घटना ने हर किसी को सकते में डाल दिया है। फिलहाल पटना पुलिस हत्या या आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई है, पर इससे पहले भी इस वार्ड पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। यहां आने वाले कैदी से पैसे की जबरन वसूली और अचानक से कैदी का गायब हो जाना, इसकी साख और सिक्योरिटी दोनों पर सवाल खड़ा कर रहा है। हालांकि पीएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन इस संबंध में कुछ भी बात करने से इंकार कर रहा है। इनकी मानें, तो यह पुलिस जांच का विषय है।

सिक्योरिटी का प्रॉपर अरेंजमेंट नहीं
पिछले कई सालों से पीएमीसीएच में होने वाली घटनाओं पर नजर रखने वाले पुलिस सोर्सेज की मानें, तो यहां पर सिक्योरिटी की बहुत कमी है। कैदी वार्ड के छत पर पेड़ की डाली लटकी हुई है, जिसके सहारे कोई भी आसानी से उतर सकता है। साथ ही मेन गेट पर संतरी तक की व्यवस्था नहीं है। जिसे जब मन करे, पैसे देकर अंदर अपने कैदी से बात करता है, उसे खाना खिलाता है। आलम यह है कि यहां तो साल में तीन से पांच बार कैदी के भागने का मामला दर्ज होता है। इसके बावजूद कैदी वार्ड का कोई प्रोपर अरेंजमेंट नहीं है। 12 बेड के इस वार्ड के अंदर की हालत भी ठीक नहीं है। बीमार पेशेंट को ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसके अंदर और बाहर दोनों की जांच की जानी चाहिए.

पीएमसीएच को उड़ा दिया जाता
एक बार एक आरक्षी ने जेल के अंदर कैदी का टिफिन खोला, तो उसमें इतने बारुद थे कि अगर वह फट जाता, तो पीएमसीएच का नामो निशान मिट गया होता। आनन-फानन में टिफिन को बाहर निकाला गया और बड़ी घटना होने से रोका गया।

गंगा से भागने की कोशिश
अब तक यहां जितने भी कैदी इलाज कराने आते हैं, इसी ताक में रहते हैं कि किसे पैसे देकर आराम से निकला जाए। ऐसा दर्जनों बार हो चुका है, जब कैदी वार्ड से लोग आसानी से निकल जाते हैं। कई बार पीछे के गंगा से भी भाग जाते हैं, जबकि कैदी वार्ड पूरी तरह से लोहे से पैक है.

क्या है मामला
बैकुंठ सिंह उर्फ शशि सिंह की मौत ने कैदी वार्ड के सारे रहस्य खोल दिए। तीन आरक्षी के बावजूद सत्तर वर्षीय बैकुंठ सिंह उर्फ शशि सिंह ने आत्महत्या कर लिया। इस दौरान बैकुंठ के पुत्र अविनाश कुमार ने सिपाहियों व कैदी वार्ड के प्रभारी अनिल कुमार झा पर प्रताडि़त करने, पैसा मांगने समेत कई गंभीर आरोप लगाए। इस मामले में टाउन डीएसपी भी कैदी वार्ड का जांच करने पहुंचे थे.