- जाड़े की रात में बढ़ती जा रही दुर्घटना की संभावना

- दूर से नजर नहीं आते सड़क किनारे लगे ट्रांसफार्मर

GORAKHPUR: शहर में सड़कों किनारे लगे बिजली के ट्रांसफार्मर एक्सीडेंट की राह देख रहे हैं। कोहरे में राहगीरों की मामूली सी लापरवाही हादसे का सबब बन सकती है। बिजली कटने पर टांसफार्मर के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी से दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। सरेआम बिजली विभाग मौत को न्यौता बांट रहा है। बावजूद इसके सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में लगा पुलिस-प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि इस संबंध में बिजली अधिकारियों से बातचीत होगी। ताकि ट्रांसफार्मर के आसपास रात में चमकने वाली रेडियम पट्टियां लगाई जाएंगी।

केस एक:

जेल बाईपास के सरस्वतीपुरम कॉलोनी चौराहा पर मेन रोड किनारे ट्रांसफार्मर लगा है। तीन दिन पूर्व गुलरिहा के रामकेश अपनी कार से बारात में शामिल हो लौट रहे थे। घर जाते समय सामने से वाहन आने पर उन्होंने अपनी कार किनारे की तो ट्रांसफार्मर में टकराने से बचे। इसके पहले उसी जगह पर कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। कार सवार चार लोगों को बड़ी मुश्किल से निकाला गया था।

केस दो:

रेलवे बस स्टेशन के पास पुराना कोल्ड स्टोरेज है। उसके सामने बिजली के ट्रांसफार्मर लगे हैं। ट्रांसफार्मर की जाली टूट गई है। गुरुवार रात स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही थीं। रेलवे स्टेशन की ओर से यूनिवर्सिटी की ओर जा रहे बाइक सवार दो युवक तेज रफ्तार में जा रहे थे। पीछे से आ रही कार के ओवरटेक करने पर बाइक सहित दोनों युवक ट्रांसफार्मर से सट गए। हादसे का शिकार होने से वे बाल-बाल बचे।

आठ चौराहों से हटने हैं ट्रांसफार्मर, खंभे

शहर में बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड करने, सड़क के बीच से खंभों और ट्रांसफार्मर को हटाने की योजना पर काम नहीं हो सका है। नगर निकाय चुनाव का हवाला देकर बिजली अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट को टाल दिया था। अंडरग्राउंड वायरिंग के साथ-साथ आठ चौराहों से बिजली के ट्रांसफार्मर हटाने की योजना बनी थी। बजाज पार्क से बेतियाहाता कमिश्नर आवास और फिराक चौराहे तक तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए 65 लाख रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। अंबेडकर चौराहा, धर्मशाला ओवर ब्रिज, पादरी बाजार सहित अन्य जगहों को इस योजना में शामिल किया गया है। लेकिन बिजली विभाग की सुस्ती से पोल और ट्रांसफार्मर नहीं हटाए जा सके हैं।

दूर से दिखना मुश्किल

जाड़े की रात में सड़कों के किनारे लगे ट्रांसफार्मर दूर से नजर नहीं आते हैं। अंधेरे में छिपे ट्रांसफार्मर काफी करीब पहुंचने पर दिखते हैं। इससे फोर व्हीलर से चलने पर अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। घने कोहरे में सड़क की पटरियां पकड़कर चलने वाले बाइक सवार भी लड़ते-लड़ते बचते हैं। ऐसे में काफी प्रयास के बाद लोग संभल पाते हैं। हद तो यह हो गई कि कई जगहों पर ट्रांसफार्मर पर लगी जालियां टूट गई हैं। नए राहगीर के लिए घास-फूस में छिपे ट्रांसफार्मर का अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। रेडियम पट्टिकाएं लगने से रात में दूर से ट्रांसफार्मर नजर आने लगते। बिजली कटी होने पर भी वाहनों की रोशनी से पट्टिकाएं नजर आने लगतीं।

वर्जन

ट्रांसफार्मर और खंभों को शिफ्ट करने की योजना पर काम चल रहा है। सड़कों के किनारे लगे ट्रांसफार्मर दूर से दिख सकें, इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। अन्य विभाग के अधिकारियों से बात कर प्रॉब्लम सॉल्व की जाएगी।

- एके सिंह, अधीक्षण अभियंता, विद्युत नगरीय वितरण मंडल, गोरखपुर

वर्जन

इसके लिए नगर निगम और बिजली विभाग को पहल करनी चाहिए। इस संबंध में पत्र लिखकर संबंधित विभागों को अवगत कराया जाएगा। इससे सड़क हादसेरोकने में मदद मिलेगी।

- आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक