- झकरकटी बस अड्डे पर बदइंतजामियों के चलते गर्मियों में बैठने तक का सहारा नहीं

- ठंडे पानी व हवा के लिए परेशान हो रहे हैं पैसेंजर्स

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KANPUR। झकरकटी बस अड्डा यूं तो अन्तर्राज्यीय बस अड्डा माना जाता है। लेकिन पब्लिक के लिए सहूलियतें यहां नदारद हैं। पारा ब्भ् डिग्री सेल्सीयस के पार जा रहा है। ऐसे में भी बस अड्डे पर पीने के लिए ठंडा पानी नहीं है। न ही बैठने के लिए कोई छांव वाली जगह है। ऐसी भीषण गर्मी में पैसेंजर्स अगर बस से सफर करते हैं तो उनका भगवान ही मालिक है।

पूरे अड्डे पर वाटर कूलर खराब

झकरकटी इंटर स्टेट बस अड्डे पर लगे वॉटर कूलर खराब पड़े हैं। यहां एक भी वाटर कूलर ऐसा नहीं जो ठंडा पानी देता हो। उमस भरी भीषण गर्मी और सूरज की तपिश से वॉटर कूलर भी गर्म हो जाते हैं। वाटर कूलरों से खौलता हुआ पानी निकलता है। कोई पैसेंजर ये उबलता पानी पीने की हिम्मत नहीं कर सकता। बस अड्डे पर बने फूड प्लाजा के ठीक सामने वॉटर कूलर लगा हुआ है। वहां का पानी पीने के लायक नहीं है। वहीं पूछताछ केंद्र के पास लगे वॉटर कूलर का भी यही हाल है।

गर्मी में बैठने को पैसेंजर्स मजबूर

झकरकटी बस अड्डे पर जो थोड़ से शेड बने में हैं, वो भी बस नाम के हैं आजकल चल रही ख्0 से फ्0 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली लू व उबलती हवा से लोगों को बचाने में सक्षम नहीं। लिहाजा जिन थोड़े बहुत पैसेंजर्स को ये छोटे से शेड नसीब हो भी जाएं तो वो लू से नहीं बच सकता। बस अड्डे पर मेन गेट से अंदर घुसते ही दाईं ओर वाल्वो पैसेंजर्स के लिए प्रतीक्षालय बना हुआ है। लेकिन इस प्रतिक्षालय में भी एसी खराब है। रिपोर्टर जब प्रतिक्षालय पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि एसी चल रहे हैं। पर अभी बिजली न आने के चलते बंद किए गए हैं। वहां बैठे दिल्ली के पैसेंजर राजीव शुक्ला ने पोल खोल दी। उन्होंने बताया कि वो यहां सुबह से बैठे हैं और बिजली आने पर उन्होंने एसी चलाने-चलवाने की खुद कोशिश की, लेकिन खराब होने के कारण चला ही नहीं।

पंखे देते हैं लू की हवा

झकरकटी बस अड्डे पर बने प्लेटफार्म पर बैठना तो और भी मुश्किल है। यहां पंखे तो लगे हैं। और भगवान के करम से चालू हालत में हैं। लेकिन ये पंखे ऐसी गरम हवा फेंकते हैं कि प्लेटफार्म पर बैठना मुश्किल हो जाता है। दरअसल ये प्लेटफार्म बिल्कुल खुले में हैं।

कई पैसेंजर्स हुए हैं बेहोश

झकरकटी बस अड्डे पर हाल में कई पैसेंजर्स गर्मी के चलते बेहोश हुए हैं। भीषण गर्मी के चलते पैसेंजर्स गश खाकर गिर जाते हैं। पिछले एक सप्ताह में आधा दर्जन ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।

वर्जन:

बस अड्डे पर व्यवस्थाएं सही करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जल्द राहत मिलेगी। कई बार फंड नहीं होने से भी सुधार में मुश्किल होती है।

- राजीव चौहान, रीजनल मैनेजर