1 इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन शुरू
75 लाख के करीब बस की कीमत
580 इलेक्ट्रिक बसें यूपी में चलाई जाएंगी
40 बसें चलाई जानी हैं राजधानी में
50 यात्री ही एक बार में कर सकेंगे सफर
- राजधानी में शुरू हुआ पहली इलेक्ट्रिक एसी बस का संचालन
- इस सिटी बस में अब हर यात्री पर रहेगी तीसरी आंख की नजर
- पहले ही सफर में लोगों का दिल जीत गई इलेक्ट्रिक एसी बस
LUCKNOW: राजधानी की सड़कों पर जब पहली इलेक्ट्रिक एसी बस दौड़ी तो लोग बस की खूबियों को देख इसकी तारीफ करने से नहीं चूके। लोगों ने कहा कि इस बस से न तो धुंआ हो रहा है और ना ही किसी तरह का शोर। ऐसे में अगर इस तरह की और बसें शहर में चलाई जाएं तो यहां के वायु और ध्वनि प्रदूषण में बहुत हद तक कमी जा जाएगी। राजधानी में पहली इलेक्ट्रिक बस का संचालन संडे को विधानभवन से किया गया। इस बस को नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और मेयर संयुक्ता भाटिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रोज लगाएगी 10 चक्कर
नगरीय विकास निदेशालय के संयुक्त सचिव अजीत सिंह ने बताया कि यह बस आलमबाग से विराजखंड के बीच रोज 10 चक्कर लगाएगी। बस आलमबाग से विराजखंड के लिए सुबह 7.00 बजे रवाना होगी जबकि रात में अंतिम फेरे के लिए बस विराजखंड से 8.30 बजे चलेगी। बस आलमबाग से चारबाग, विधान सभा, सिकंदरबाग, समतामूलक चौराहा, लोहिया पार्क, पत्रकारपुरम, हनीमैन चौराहा होते हुए विराजखंड पहुंचेगी।
एक बार में 50 यात्री
इस बस में 31 यात्रियों के बैठने की सुविधा है जबकि एक समय में इसमें 50 यात्री ही सफर कर सकेंगे। ऑटोमैटिक डोर लॉक होने के बाद ही बस आगे बढ़ेगी। बस का मिनिमम किराया 15 रुपए और मैग्जिमम 45 रुपए रखा गया है।
अभी चल रही ट्रायल पर
सिटी बस प्रबंधन के एमडी आरिफ सकलेन ने बताया कि बस फिलहाल ट्रायल पर चलाई जा रही है। बस में मौजूद सुविधाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह बस लोगों को काफी पसंद आएगी।
महिलाओं के लिए सुरक्षित
सुरक्षा के कारणों से सिटी बसों में महिलाएं अधिक सफर नहीं करती हैं। इस इलेक्ट्रिक बस में महिलाओं की सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा गया है। सीसीटीवी कैमरों से बस के हर यात्री पर हर समय डिपार्टमेंट की नजर रहेगी।
कोट
इलेक्ट्रिक एसी बस का संचालन आज शुरू हो गया। जल्द ही और ऐसी बसें राजधानी आनी हैं। साइज छोटा होने से ये बसें शहर के लिए उपयुक्त होंगी।
अजीत सिंह, संयुक्त सचिव
नगरीय परिवहन निदेशालय
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इलेक्ट्रिक बस का रूट
आलमबाग से चारबाग, बापू भवन, विधानसभा, सिकंदरबाग, समतामूलक चौराहा, लोहिया पार्क, पत्रकारपुरम, हनीमैन चौराहा होते हुए विराजखंड। बस एक घंटे में यह सफर पूरा करेगी।
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इन शहरों में भी होगा संचालन
कानपुर, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी, गोरखपुर और शाहजंहापुर में भी ऐसी बसों का संचालन होना है। कुल 580 बसों को चलाने की तैयारी है। राजधानी में चलाई जाएंगी 40 इलेक्ट्रिक बसें।
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कुछ इस तरह है किराया
किलोमीटर किराया
0 से 3 15.00
3 से 6 20.00
6 से 10 25.00
10 से 14 35.00
14 से 17 35.00
17 से 20 40.00
20 से अधिक 45.00
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एक नहीं अनेक खूबियां
- बैट्री से चलने वाली बस में किसी तरह का धुंआ नहीं होगा।
- बस में गियर और क्लच का सिस्टम नहीं है जिससे ड्राइवर को थकान नहीं होगी।
- ड्राइवर की सीट के पास माइक और एलसीडी स्क्रीन लगी है। एलसीडी स्क्रीन पर स्टॉपेज को देखते ही वह इसके बारे में यात्रियों को बता देगा।
- बस के अंदर एंगल पर बटन लगे हैं, जिन्हें दबाते ही सिग्नल ड्राइवर तक पहुंचेगा और वह बस रोक देगा।
- एक सीसीटीवी कैमरा आगे और एक पीछे लगा है। जिससे पूरी बस पर नजर रहेगी। इसके लिए कंट्रोल रूम नगरीय परिवहन निदेशालय में बनेगा।
- ड्राइवर के पीछे की दो सीटें महिलाओं और एक दिव्यांग के लिए रिजर्व है।
- बस में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र भी लगाए गए हैं।
- बस की बैट्री दो घंटे में होगी चार्ज। बैट्री चार्ज होने पर बस तय करेगी 150 किमी का सफर।
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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इमरजेंसी एग्जिट और दो हैमर
बस में एक इमरजेंसी एग्जिट गेट है। वहीं चारो तरफ विंडो लगी है, इसके लिए एक आगे और एक पीछे हैमर दिए गए हैं। इस हैमर से विंडो तोड़कर इमरजेंसी में आसानी से बस से निकला जा सकता है।