- डीआर के साथ पंगेबाजी के मामले वीसी ने वापस भेजा

- वीसी के दरबार से अब डीआर के दरबार पहुंचा मामला

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में डीआर और कर्मचारियों के बीच हुए मामले का सॉल्यूशन नहीं निकल पा रहा है। यूनिवर्सिटी के डीआर की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन कर्मचारियों की ना तो रिपोर्ट दर्ज हुई और ना ही उनका पुलिस ने साथ दिया। वहीं एक कर्मचारी पर सीओ ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज और करा दिया। जिसको थर्ड डिग्री देने के बाद जेल भी भेज दिया गया। इस मामले में कर्मचारियों ने हड़ताल भी की लेकिन उनको इसका सॉल्यूशन नहीं मिला। अब थकहार वे वापस लौट आए और वीसी से माफी मांग रहे हैं। मगर वीसी ने इनको डीआर के दरबार में धकेल दिया है।

यह था मामला

यूनिवर्सिटी में डेलीवेजर्स की नियुक्तियों को अवैध करार देने के एक लेटर को लेकर कर्मचारियों ने डीआर के साथ अभद्रता कर दी थी। इसके बाद हड़ताल करते हुए कामकाज ठप कर दिया था। इस मामले में डीआर और प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी ने थाना मेडिकल में रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। जिसमें कर्मचारियों ने भी तहरीर दी थी लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जिसको लेकर ये लोग डीएम से मिलने पहुंचे। लेकिन उनको मामला उल्टा पड़ गया था। जिसमें एक कर्मचारी सुनील पांडे को सीओ वंदना मिश्रा ने छेड़खानी का आरोप लगाते हुए जेल भिजवा दिया।

अब कर्मचारी परेशान

अब कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने में लगे हैं। उनके खिलाफ वीसी ने सीडी भी तैयार करके पुलिस को दे दी है। जिसमें डीआर के साथ अभद्रता होती दिखाई दे रही है। ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं कि अब वे करें तो क्या करें। ऐसे में वे बुधवार को वीसी से मिलने गए। जहां वीसी ने इनको डीआर प्रभाष द्विवेदी के पास यह कहकर भेज दिया कि अब वे ही इस मामले को देखेंगे। इस संबंध में इन कर्मचारियों ने पांच बजे का समय प्रभाष द्विवेदी से लिया। जिसमें ये लोग शाम को मिले लेकिन कोई सॉल्यूशन अभी नहीं निकला। फिलहाल डेलीवेजर कर्मचारियों पर तलवार लटकती दिखाई दे रही है।