RANCHI: गर्मी के मौसम में आग की दुर्घटनाओं से सहमी राजधानी और अन्य जिलों में स्थित अग्निशमन सेवाएं मैन पावर की कमी से परेशान हैं। डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की ओर से रिक्तियों के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी तक रिक्तियों को नहीं भरा जा सका है। हालत ये है कि राज्य में एक भी फायर स्टेशन पदाधिकारी नहीं है, जबकि इसके लिए 44 पद सृजित किये जा चुके हैं। वहीं अन्य ईकाइयों में भी यही आलम है। राज्य अग्निशमन विभाग में कुल 875 पद सृजित हैं, जबकि विभाग 433 पदाधिकारियों और कर्मचारियों से ही काम चला रहा है। यानी विभाग के पास आज भी आधे से ज्यादा 442 कर्मचारियों की कमी है। आधारभूत संरचना तो पर्याप्त है लेकिन उन संसाधनों के एक्सपर्ट की कमी है और जो उपलब्ध मैनपावर हैं वो एग्जिस्टिंग सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं। मतलब साफ है कि मैन पावर के जुगाड़ तंत्र के भरोसे झारखंड राज्य का अग्निशमन विभाग चल रहा है।

प्रभारी पदाधिकारी के भरोसे विभाग

विभाग में राज्य अग्निशमन पदाधिकारी का पद सृजित है, लेकिन बहाली अब तक नहीं हो पाई है। यह पद प्रभारी पदाधिकारी के भरोसे चल रहा है। रामकृष्ण ठाकुर राज्य अग्निशमन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी हैं।

आंकड़ों की गवाही

पद का नाम स्वीकृत पद उपलब्ध मैनपावर रिक्तियां

राज्य अग्निशमन पदाधिकारी 01 0 01

अपर राज्य अग्निशमन पदाधिकारी 02 0 02

प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी 06 0 06

सहा। प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी 12 02 10

फायर स्टेशन ऑफिसर 44 0 44

सब ऑफिसर 44 35 09

प्रधान अग्निक चालक 221 153 68

अग्निक चालक 502 235 267

स्टेनो सह कंप्यूटर ऑपरेटर 08 0 08

प्रधान लिपिक सह लेखापाल 02 0 02

एलडीसी 15 06 09

अर्दली सह आदेशपाल 18 02 16

वर्जन

यह सच है कि कर्मचारियों और पदाधिकारियों की कमी है, नियुक्तियां अत्यंत आवश्यक हैं। आधारभूत संरचनाएं पर्याप्त हैं लेकिन रिक्त पदों को भर दिया जाये तो ज्यादा बेहतर काम हो सकेगा।

-रामकृष्ण ठाकुर, प्रभारी राज्य अग्निशमन पदाधिकारी, झारखंड अग्निशमन विभाग