भीषण गरमी ने लोगों को प्रॉब्लम में डाल दिया है। पब्लिक पानी के लिए परेशान तो है ही, किंतु अब इस गर्मी ने लोगों को खून के आंसू रूलाना शुरू कर दिया है। गर्मी में ब्लड डोनरर्स की संख्या कम हो गई है जिसे सिटी के ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी भी हो गई है। जानकारी के अनुसार सिटी स्थित एमजीएम हॉस्पिटल के ब्लड बैैंक में पिछले करीब एक मंथ से ब्लड का स्टॉक नील है। इससे कई पेशेंट्स की जिंदगी खतरे में है।

गर्मी से हुई यह स्थिति
आम लोगों के साथ-साथ गर्मी ने एमजीएम ब्लड बैैंक को भी बेहाल कर दिया है। गर्मी से ब्लड बैैंक में एक मंथ से ब्लड का स्टॉक खत्म है। इसका मेन रीजन है भीषण गर्मी। गर्मी की वजह से ब्लड डोनेशन कैंप की संख्या में लगातार कमी आ रही है। समर में आमतौर पर लगने वाले ब्लड डोनेशन कैंपस की संख्या में 60 पर्सेंट तक की कमी आ जाती है। एमजीएम ब्लड बैैंक को लगभग 45 सोशल ऑर्गनाइजेशन से ब्लड मिलता है। मगर गर्मी में उनके द्वारा लगाए जाने वाले डोनेशन कैंप्स में भारी कमी होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

इंफ्रास्ट्रक्चर भी है कारण
ब्लड डोनेशन कैंप्स की संख्या में होने वाली इस कमी का एक रीजन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी है। ब्लड डोनेशन कैंप्स के लिए ठंडे वातावरण की जरूरत पड़ती है। गर्मी में ब्लड को सेफ रखने के लिए एयर कंडिशन्ड हॉल की जरूरत होती है। मगर कई बार सुविधाओं के अभाव में ये व्यवस्था पॉसिबल नहीं हो पाती। इसके अलावा दूर-दराज के इलाकों में गर्मी में कैंप लगाना भी मुश्किल होता है।

नहीं आते हैं ब्लड डोनर्स
गर्मी में लगने वाले ब्लड डोनेशन कैंप्स में ब्लड डोनर्स भी कम संख्या में पहुंचते हैैं। रेडक्रॉस सोसाईटी के श्याम कुमार इसके लिए लोगों के डर को जिम्मेदार ठहराते हैैं। उनका कहना है की कई बार लोगों को ये वहम होता है की गर्मी में ब्लड डोनेट करने से कमजोरी या बीमार पडऩे की संभावना रहती है। इससे लोग ब्लड डोनेट करने से कतराते हैं।

पेशेंट्स को होती है प्रॉब्लम
ब्लड बैैंक में स्टॉक खत्म होने से पेशेंट्स को काफी प्रॉब्लम फेस करना पड़ रहा है। एमजीएम ब्लड बैैंक से डेली करीब 20 से 25 पेशेंट खाली हाथ लौट रहे हैैं।

 

ब्लड बैैंक में लगभग एक मंथ से ब्लड का स्टॉक खत्म है। हर रोज 20 से 25 पेशेंट को लौटना पड़ता है। गर्मी से ब्लड कलेक्शन में काफी कमी आ जाती है।
डॉ। नकुल प्रसाद, एमजीएम ब्लड बैैंक

गर्मी में ब्लड डोनेशन कैंप्स की संख्या में 60 पर्सेंट तक की कमी आ जाती है, जिससे जरूरी मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता। ऑर्गेनाइजर भी इस सिजन में कैंप नहीं लगाना चाहते।
श्याम कुमार, रेड क्रॉस सोसाइटी