जुलाई में स्कूल खुलने से पहले करनी है बुक्स की व्यवस्था

2 माह में शिक्षा विभाग नहीं कर सका बुक्स की डिमांड को पूरा

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-शैक्षणिक सत्र शुरु होते ही 10 दिनों में ही खुली पोल

- पहले फेज में करीब 70 लाख बुक्स की डिमांड की बात -ओवररेटिंग की कम्पलेन सामने आई

-फ‌र्स्ट फेज मे 10 लाख बुक्स प्रिंट हुई

-10 परसेंट ही सप्लाई मिली बुक सेलर को

-दूसरे फेज में सस्ती बुक्स छापने का दावा

-13 अप्रैल को हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को रेफरेंस बुक्स चलाने की इजाजत दी।

- 10 अप्रैल को शिक्षा विभाग ने दूसरे फेज के लिए टेंडर निकाला -20 अप्रैल को खुला एक भी पब्लिशर नहीं मिला

देहरादून, जुलाई में स्कूल खुलते ही एक बार फिर एनसीईआरटी बुक्स का आपातलकाल शुरू होने का अंदेशा है। प्रदेश भर के सरकारी स्कूलो में अभी भी करीब 30 लाख एनसीईआरटी बुक्स अवेलेबल कराई जानी हैं। लेकिन, अभी तक शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कोई कवायद शुरू नहीं की है। बताया जा रहा है कि इस विषय में अब कैबिनेट ही फैसला करेगी।

अफसरों की भूमिका पर सवाल

प्रदेश में एनसीईआरटी सिलेबस को लागू करने की योजना पर अब सरकारी अफसर ही पलीता लगा रहे हैं। शिक्षा मंत्री खुद इस बात को कबूल चुके हैं और अफसरों को चेतावनी भी दे चुके हैं। एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि गर्मियों की छुट्टियों के अब 20 दिन बचे हैं, ऐसे में महज 20 दिन में 30 लाख एनसीईआरटी बुक्स कैसे अवेलेबल कराई जाएंगी।

किताब के लिए नहीं मिले पैसे

सरकारी स्कूलों के बच्चों को सरकार द्वारा इस बार से बुक्स फ्री न देकर बुक्स की कीमत उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की गई है। लेकिन, अभी तक स्टूडेंट्स के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया है। क्लास 1 से 8 तक के सभी बच्चों को फ्री बुक्स और क्लास 9 से क्लास 12 के एससी, एसटी स्टूडेंट्स को ही फ्री बुक्स देने का नियम है।

10 दिन में खुल गई थी व्यवस्था की पोल

एनसीईआरटी बुक्स को लागू करने के बाद नए शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही 10 दिनों में विभाग के प्लान की पोल खुल गई थी। पहले ही दिन से बाजार में बुक्स की कमी देखने को मिली। पहले फेज में करीब 70 लाख बुक्स की डिमांड की बात की गई थी। फ‌र्स्ट फेज मे 10 लाख बुक्स प्रिंट होने, 10 परसेंट ही सप्लाई मिलने की बात सामने आई। लेकिन, इनमें भी ओवररेटिंग की कम्पलेन सामने आई। 10 अप्रैल को शिक्षा विभाग ने दूसरे फेज के लिए टेंडर निकाला लेकिन एक भी पब्लिशर नहीं मिला। तब से लगातार शिक्षा विभाग बुक्स को सवालों से घिरा है।

एनसीईआरटी से बुक्स लेने का ऑप्शन

सूत्रों की मानें तो अब राज्य कैबिनेट ही बुक्स को लेकर अंतिम निर्णय लेगा। इसके साथ ही एनसीईआरटी से सीधा बुक्स खरीदने का ऑप्शन भी खुला है। लेकिन यह भी कैबिनेट ही तय करेगी। इसके अलावा टेंडर को लेकर भी कैबिनेट के फैसले का इंतजार रहेगा। लेकिन, सवाल ये है कि जब 2 माह में बुक्स नहीं छप सकी तो फिर अब 20 दिन में कैसे बुक्स का जुगाड़ हो सकेगा।

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विभाग की ओर से सभी समस्याएं शासन को सूचित कर दी गई हैं। अब शासन को ही इस पर फैसला लेना है। कैबिनेट ने एनसीईआरटी बुक्स को लागू करने का फैसला दिया था, ऐसे में अब भी कैबिनेट ही निर्देश दे सकती है।

आरके कुंवर, शिक्षा निदेशक