नहीं होगा सीरोलॉजिकल टीबी टेस्ट

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीबी जैसी घातक बीमारी के नाम पर चल रहे घालमेल को रोकने के लिए सीरोलॉजिकल (ब्लड या एंटीबॉडी) टीबी टेस्ट पर बैन लगा दिया है। सूबे के सभी पैथालॉजी लैब और डॉक्टर को सूचना देने के साथ इस किट को मुहैया कराने वाली कंपनी को भी इसकी जानकारी दी है। फ्रांस और यूके से मंगा कर यूपी में आपूर्ति की जाने वाली इस जांच किट से टीबी पुख्ता नहीं होती थी। मगर इस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव आते ही अधिकांश डॉक्टर टीबी की दवा शुरू कर देते थे। इस कारण कई केसेस में टीबी न होने के बावजूद मरीजों को कई माह तक दवा लेनी पड़ती थी। जो उनकी सेहत के साथ आर्थिक स्थिति पर भी इफेक्ट डाल रही थी। शासन के आदेश के बाद अधिकांश कंपनियों ने पैथालॉजी लैब में सप्लाई देने से मना कर दिया है।

डेली होते थे 200 सीरोलॉजिकल टीबी टेस्ट

सिटी में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मेडिकल सोर्सेज की माने तो प्राइवेट डॉक्टर से चेकअप के बाद डेली 200 मरीज पैथालॉजी लैब में सीरोलॉजिकल टीबी टेस्ट कराते है। इसमें अधिकांश की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आती है। अब इस टेस्ट पर बैन लगने से टीबी डिसाइड करना डॉक्टर के लिए मुश्किल होगा। हालांकि टीबी की असली पुष्टि टीबी कल्चरल टेस्ट की रिपोर्ट के बाद होती है। मगर यह टेस्ट प्राइवेट में सिर्फ बेतियाहाता स्थित लाइफ पैथालॉजी में होता है।

मिसयूज से हो रही दवा ब्लैक

सिटी में टीबी की दवा पिछले कई दिन से ब्लैक हो रही है। इसका रीजन दवा की शार्टेज के साथ इसका मिसयूज भी है। मेडिकल सोर्सेज के मुताबिक दवा को बनाने वाली कंपनियां मरीजों का एक मानक मान कर दवा सप्लाई करती है। मगर सिटी में कई डॉक्टर टीबी की पुष्टि न होने के बावजूद दवा शुरू करा देते है। इसी कारण मार्केट में टीबी की दवा शार्ट चल रही है और वह ब्लैक हो रही है।

report by : Abhishek Singh