- पटना सिटी के दो नामी हाई स्कूलों में टीचर्स की कमी
- नारायणी गर्ल्स स्कूल में इंटर कॉमर्स में नहीं हुआ एक भी एडमिशन
- फेल साबित हो रहे हैं गवर्नमेंट के क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन देने के दावे
PATNA CITY : स्कूलों में टीचर्स की कमी है। बिना टीचर्स के स्कूलों में पढ़ाई कैसे होगी। स्टूडेंट्स कैसे पढ़ेंगे और उन्हें क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन कैसे मिलेगा? दरअसल पटना सिटी के दो बड़े और पुराने स्कूलों में पिछले कुछ सालों से टीचर्स की कमी है। हालात ये बन गए हैं कि टीचर्स की कमी के कारण इंटर कॉमर्स के न्यू सेशन में एक हाई स्कूल में एक भी एडमिशन नहीं हुआ। हम बात कर रहे हैं पटना सिटी के मारवाड़ी हाई स्कूल और नारायण गर्ल्स हाई स्कूल की। दोनों ही हाई स्कूल की गौरवमयी हिस्ट्री रही है। लेकिन पिछले कुछ सालों से टीचर्स की कमी के कारण दोनों ही हाई स्कूल स्टूडेंट्स को क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन नहीं दे पा रहे हैं। राजधानी के गवर्नमेंट हाई स्कूलों का ये हाल है तो सोचिए कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट और रूरल एरिया के हाई स्कूलों की हालत क्या होगी। बिहार में नई गवर्नमेंट बनने के बाद से एक्स सीएम नीतीश कुमार हमेशा स्टूडेंट्स को क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन दिए जाने की बातें और दावा किया करते थे, वर्तमान में खुद वो सीएम तो नहीं हैं पर गवर्नमेंट उनकी पार्टी की है। क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन की वो बातें और दावे अभी बकवास साबित हो रहे हैं।
बुरा हाल है नारायणी गर्ल्स हाई स्कूल का
नारायणी गर्ल्स हाई स्कूल का हाल सबसे बुरा है। टीचर्स की कमी के कारण इस बार इंटर कॉमर्स के न्यू सेशन में एक भी स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं हुआ। इस कारण स्टूडेंट्स को कॉलेज ऑफ कॉमर्स सहित दूसरे कॉलेजों व हाई स्कूलों में एडमिशन कराना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि स्कूल के इस हाल से एजुकेशन डिपार्टमेंट वाकिफ नहीं है। बावजूद इसके डिपार्टमेंट की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वही आर्ट्स और साइंस में टोटल ख्भ्0 स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ। इनका भी भविष्य सही नहीं है क्योंकि इन्हें पढ़ाने के लिए भी स्कूल को और टीचर्स की जरूरत है।
9वीं व क्0वीं क्लास के लिए और अधिक है परेशानी
नारायणी गर्ल्स हाई स्कूल में सिर्फ इंटरमीडिएट ही नहीं बल्कि 9वीं व क्0वीं क्लास के स्टूडेंट्स को भी क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन नहीं मिल रहा है। पिछले फ् साल से टीचर्स की काफी कमी हो गई है। जो टीचर हिन्दी और अंग्रेजी सहित दूसरे सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट हैं उन्हें मजबूरी में दूसरे सब्जेक्ट पढ़ाने पड़ते हैं। 9वीं में म्89 व क्0वीं में 80फ् स्टूडेंट्स हैं, दोनों की क्लास आठ सेक्शन में चलती है।
वैकल्पिक टीचर्स से मारवाड़ी हाई स्कूल में चलता है काम
मारवाड़ी हाई स्कूल में वैकल्पिक टीचर्स के सहारे स्टूडेंट्स को एजुकेशन दी जा रही है। ये व्यवस्था पिछले दो सालों से लगातार बनी हुई है। हाईस्कूल के 9वीं क्लास के भ् सेक्शन में ब्ख्8 और क्0वीं क्लास के म् सेक्शन में म्0ब् स्टूडेंट्स हैं। प्रिंसिपल पुनीत किशोर रजक के अनुसार दोनों क्लास के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए गणित में क्, साइंस में क् और अंग्रेजी में ख् ही टीचर हैं। इसी साल से यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू हुई है। टीचर्स की कमी के कारण टोटल ख्9 स्टूडेंट्स ने मारवाड़ी हाई स्कूल में अपना एडमिशन कराया है। इसमें कॉमर्स में क्7, साइंस में क्क् और आर्ट्स में मात्र क् स्टूडेंट्स ने अपना एडमिशन कराया है।
मारवाड़ी हाई स्कूल का हाल
9वीं व क्0वीं के लिए टीचर्स की जरूरत
गणित में -भ्
साइंस में -फ्
अंग्रेजी में -फ्
इंटरमीडिएट में टीचर्स की जरूरत
फिजिक्स में -क्
केमेस्ट्री में -क्
गणित में -क्
नारायणी गर्ल्स हाई स्कूल का हाल
इंटरमीडिएट में टीचर्स की जरूरत
अंग्रेजी में - ख्
मैथ में - ख्
हिन्दी में - क्
9वीं व क्0वीं के लिए टीचर्स की जरूरत
गणित में - फ्
अंग्रेजी में - ख्
साइंस में - ख्
सोशल साइंस में - ख्
हिन्दी में - क्
इकॉनॉमिक्स में -क्
फिजिक्ल व म्यूजिक पूरी तरह से खाली है