- भारतेंदु नाटय अकादमी में स्टूडेंट्स को इंतजार है एक अदद शिक्षक का

LUCKNOW: भारतेंदु अकादमी के छात्र देश-विदेश में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। बीएनए के छात्र मौजूदा समय में बॉलीबुड में अपना सिक्का जमाये हुए हैं। मगर वहीं पर बीएनए में आपसी कलह और लापरवाही के चलते वहां के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यहां पर दो वर्षीय डिप्लोमा इन ड्रामेट्रिक आर्ट में प्रथम वर्ष में 16 छात्र व द्वितीय वर्ष में 15 छात्र है, जिनकी आंखों में थियेटर आर्टिस्ट व फिल्मी दुनिया में छा जाने का सपना है। मगर इन छात्रों पर मात्र दो ही शिक्षक है जिनसे न तो इन बच्चों को एक्टिंग का सही ज्ञान मिल रहा है और नहीं वे अभिनय की बारीकियां सीख पा रहे हैं।

कई सालों से खाली पड़ा है पद

बीएनए में बच्चों को सिखाने के लिए चार शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी जिनमें से दो पद अभी भी खाली हैं। इसमें शास्त्रीय एवं आधुनिक नाट्य शिक्षक के पद पर तो आज तक भर्ती ही नहीं हुई है। वहीं, अभिनय प्रशिक्षक का पद पिछले तीन वर्षो से खाली है। मौजूदा समय में अरुण त्रिवेदी व चित्रा मोहन ही नियमित रुप से शिक्षक के रुप में कार्य कर रहें है। अभिनय प्रशिक्षक के पद पर रंगकर्मी स्व। जुगल किशोर की मृत्यु के बाद से कोई शिक्षक ही नहीं है।

कैसे सीखें अभिनय

शहर के सबसे बड़े अभिनय केंद्र पर ही शिक्षकों को टोटा है। दो सब्जेक्ट पर शिक्षक ही नहीं है गेस्ट शिक्षक के रुप में इन बच्चों की क्लास करवाई जा रही है। इनके नियमित न होने से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ शिक्षको की कमी होने के कारण बच्चों को उस स्तर का अभिनय सीखने को नहीं मिल रहा है जिसके लिए उन्होंने अकादमी में एडमिशन लिया था। ऐसे में इन बच्चों के साथ खिलवाड़ करने वाले आला अधिकारी अभी भी आंख मूंदे बैठे हैं।