अधिकारी के अनुसार चीन का ये नियम हॉन्गकॉन्ग में भी लागू है। बीबीसी संवाददाता जूलियाना ल्यू के मुताबिक़ चीनी अधिकारी हॉन्गकॉन्ग में बच्चे पैदा करने के लिए की जाने वाली यात्राओं यानी प्रसव-पर्यटन में आई बढ़ोत्तरी से चिंतित है।

पिछले पाँच वर्षों में चीन से हॉन्गकॉन्ग जाकर बच्चा पैदा करने वालों की संख्या बहुत बढ़ी है। लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे कि वे चीन में एक दंपति - एक बच्चा के क़ानून से बच सकें।

प्रसव पर्यटन से नाराज़गी

वैसे तो हॉन्गकॉन्ग चीन का ही हिस्सा है लेकिन वहाँ क़ानून अलग हैं इसलिए लोग वहाँ जाकर बच्चे पैदा कर रहे हैं। पिछले एक वर्ष में हॉन्गकॉन्ग में जितने भी बच्चे पैदा हुए उनमें से आधे से ज़्यादा बच्चे चीन की दंपतियों के थे। इस प्रसव-पर्यटन को लेकर हॉन्गकॉन्ग में नाराज़गी भी पैदा होती जा रही है।

हॉन्गकॉन्ग की सरकार ने अस्पतालों के लिए पहले ही ये कोटा तय कर दिया है कि वे चीन से आने वाली दंपतियों के कितने प्रसव करवा सकते हैं।

लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका ख़ास असर नहीं हो रहा है और चिकित्सा सुविधाओं के लिए जो संघर्ष हो रहा है उसकी वजह से हॉन्गकॉन्ग में चीन विरोधी भावना पनप रही है।

अब कुछ सांसद इन प्रयासों में लगे हैं कि अब हॉन्गकॉन्ग की अप्रवासन नीति बदल कर उसे इतना सख़्त बना दिया जाए कि चीन से किसी महिला के लिए हॉन्गकॉन्ग आकर प्रसव करवाना लगभग असंभव हो जाए।

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