आज से ही correction

ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट्स में अपने बच्चों का नाम न होने से परेशान पेरेंट्स अब बेफ्रिक हो सकेंगे। बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जुड़वाने के लिए उन्हें निगम तक जाने की मेहनत भर करनी होगी। यह पेरेंट्स निगम से जारी ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट की प्रिंट कॉपी के साथ ही एड्रेस प्रूफ, फोटो और एक एफिडेविट     जमा करेंगे। पेरेंट्स को एक अप्लीकेशंस भी देना होगा, जिसमें बच्चे का नाम रखे जाने के बाद उसे सर्टिफिकेट में दर्ज करने की अपील  होगी। सर्टिफिकेट में किए जाने वाले इस करेक्शन के लिए पेरेंट्स को 10 रुपए बतौर फीस जमा  करनी होगी। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट में करेक्शन की शुरुआत ट्यूजडे से हो जाएगी।

मंडे को भी रही कई शिकायत

ऑनलाइन बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट में आ रही खामियों को लेकर निगम में मंडे को भी कई कंप्लेंस पहुंची। इनमें बर्थ सर्टिफिकेट के मुकाबले डेथ सर्टिफिकेट्स बनने में हुई खामियों के करेक्शन के केसेज ज्यादा रहे। डेथ सर्टिफिकेट्स में कुछ मृतकों के नाम के आगे अननोन लिखा पाया गया तो वहीं कइयों के नाम की स्पेलिंग्स में गड़बडिय़ां रही। इनमें करेक्शन के लिए परिजन कम्प्यूटर विभाग के चक्कर काटते रहे। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सर्टिफिकेट्स में आ रही इन  गलतियों में हॉस्पिटल्स की भी लापरवाही है। इनके ऑपरेटर्स नाम की गलत स्पेलिंग्स के साथ ही कई बार रांग इनफॉर्मेशन भी फिल कर रहे हैं।

जरूरत 4 की अवेलेबल सिर्फ 1

निगम में पिछले 18 दिनों में 970 ऑनलाइन बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं.कम्प्यूटर विभाग में डाटा ऑपरेटर धीरेश गौड़ ने बताया कि इनमें 166 डेथ सर्टिफिकेट और 804 बर्थ सर्टिफिकेट शामिल हैं। ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किए जाने के लिए निगम को 4 ऑपरेटर्स की जरूरत है। करेक्शन होने वाले बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट्स की जिम्मेदारी और इनका बैकअप डाटा बनाने के लिए ऑपरेटर्स की संख्या में इजाफा करना कंपल्सरी हो गया है, लेकिन नगर निगम पिछले 18 दिनों से एक ही डाटा ऑपरेटर के भरोसे है। डायरेक्ट्रेट से अश्योरेंस के बावजूद अभी तक बरेली नगर निगम को नए ऑपरेटर्स का साथ नहीं मिला है। इस कारण भी कई परेशानियां फेस करनी पड़ी रही हैं।

अर्बन लोकल बॉडी जुटी रिफॉम्र्स में

बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करने के अपने हाइटेक प्रोजेक्ट में शासन को शुरुआती कदमों में ही लड़खड़ाना पड़ा है। सॉफ्टवेयर में खामी से लेकर, ऑपरेटर्स की कमी और सर्वर डाउन रहने की प्रॉŽलम से स्टेट के ज्यादातर नगर निगम जूझ रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट में आ रही खामियों पर निगम की ओर से लगातार भेजी जा रही कंप्लेन पर अर्बन लोकल बॉडी अधिकारी भी जग रहे हैं। ऑफिशियल्स ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की परफेक्ट प्रोसीजर के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में प्लानिंग और वर्किंग की जा रही है।

80 परसेंट का नाम नहीं

अर्बन लोकल बॉडी के प्रोजेक्ट के तहत निगम में ऑनलाइन बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन की मुहिम शुरू हुई है। पिछले 18 दिनों में निगम में कुल 804 ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट बन चुके हैं। इनमें 80 परसेंट से ज्यादा बच्चों के बेनाम बर्थ सर्टिफिकेट्स बने हैं। निगम की ओर से कई बार इस बारे में कंप्लेन कर व्यवस्था में सुधार किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन रिजल्ट बेनतीजा रहा। आई नेक्स्ट ने अपने 8 दिसंबर 2013 के अपने इश्यू में इस खबर को पŽिलश कर जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर खींचा था। वहीं निगम ने भी आई नेक्स्ट की इस खबर की कॉपी लखनऊ में अर्बन लोकल बॉडी के ऑफिस में ईमेल के जरिए भेजकर अपनी प्रॉŽलम रखी थी।