आदेश के बावजूद एसबीटीसी की वेबसाइट पर अपडेट नहीं हो रहा ब्लड स्टाक

मनमानी पर उतारू हैं ब्लड बैंक, जानकारी नहीं होने पर भटक रहे मरीजों के परिजन

ALLAHABAD: मरीज की जान बचाने के लिए ब्लड की उपलब्धता किस ब्लड बैंक में है? यह पता लगाना बेहद मुश्किल होता है। परिजनों के पास इतना समय नहीं होता कि हर ब्लड बैंक में जाकर वे स्टाक पता करें। हालांकि, इसके लिए शासन की ओर से वेबसाइट बनाई गई है, हर ब्लड बैंक को इसमें प्रतिदिन अपना स्टाक अपडेट करना है। ताकि पब्लिक को जरूरत के हिसाब से जानकारी हो सके, लेकिन कोई भी ब्लड बैंक इस आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है।

काल्विन हॉस्पिटल ने पार की हद

शहर में चार ब्लड बैंक हैं और इनमें से दो ने अपना स्टाक अपडेट किया है। दो का स्टाक उपलब्ध नहीं है। इसमें से काल्विन हॉस्पिटल ने हद पार कर दी है। एसबीटीसी (स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल)) की वेबसाइट पर काल्विन के ब्लड बैंक ने अपना स्टाक 18 फरवरी से अपडेट नहीं किया है। लोगों को पता ही नहीं कि उनके पास कौन से ग्रुप का कितना यूनिट ब्लड वर्तमान में मौजूद है। इसी तरह इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ब्लड बैंक का लास्ट अपडेट पांच मार्च का है। एसआरएन और बेली हॉस्पिटल के ब्लड बैंक ने आज की डेट में अपना ब्लड स्टाक शो किया है।

पब्लिक को होता है नुकसान

उप्र शासन ने एसबीटीसी की वेबसाइट पर ब्लड अवेलिबिलिटी का आप्शन इसलिए दिया था कि पब्लिक को टाइम टू टाइम डेटा मिल सके। जिस भी ब्लड ग्रुप की आवश्यकता हो, संबंधित ब्लड बैंक से उसकी उपलब्धता हो जाए। लेकिन, ब्लड बैंकों द्वारा टाइमली अपडेट नहीं करने से पब्लिक को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इन्फार्मेशन नहीं मिलने का फायदा ब्लड बैंक के आसपास मौजूद दलाल उठाते हैं।

देनी है पूरी डिटेल

नियमानुसार केवल स्टाक अपडेट नहीं, बल्कि वेबसाइट पर ब्लड बैंकों को ग्रुप वाइज ब्लड की अवेलिबिलिटी दिखानी है। इसके अलावा फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के स्टाक के बारे में भी प्वाइंट वाइज जानकारी देनी है। फिलहाल, ब्लड बैंक यह जानकारी डे वाइज उपलब्ध कराते हैं। जल्द ही वेबसाइट पर नए फीचर्स भी पब्लिक यूटिलिटी के शामिल किए जाने हैं।

इस वेबसाइट पर टाइम टू टाइम अपना डाटा अवेलेबल कराना है। जो ब्लड बैंक इसका पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पब्लिक की सहूलियत के लिए शासन ने यह सिस्टम डेवलप किया है।

केजी गुप्ता, असिस्टेंट कमिश्नर, ड्रग विभाग