RANCHI : पावर कट का नतीजा यह रहा कि सोमवार को राजधानी में वाटर सप्लाई ठप रही। रुक्का और गोंदा डैम से वाटर सप्लाई नहीं होने की वजह से घरों के नल सूखे रहे। लोग पानी के आने का घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन निराशा हाथ लगी। सोमवार को बिजली-पानी के इस संकट ने राजधानी वासियों की जिंदगी को खासा प्रभावित किया। एक तरफ वे बिजली की आंखमिचौली झेल रहे थे तो दूसरी ओर वाटर सप्लाई नहीं होने से पानी की जुगात में ही घंटों भटकते रहे। दरअसल रविवार रात आई तेज आंधी से पेड़ों के गिरने की वजह से शहर के ज्यादातर इलाकों में बिजली प्रभावित रही, जिसका असर वाटर सप्लाई पर भी पड़ा।

रुक्का ने बिगाड़ी सप्लाई

समस्या का मुख्य कारण रुक्का डैम से पानी की सप्लाई न होना रहा। यहां रविवार रात 10 बजे के बाद से सोमवार दोपहर तीन बजे तक बिजली की सप्लाई बाधित रही। बिजली नहीं मिलने से करीब 18 घंटे तक रुक्का प्लांट में मशीनें नहीं चलीं। इसके पहले भी रविवार को ही दोपहर दो बजे से रात 8:30 बजे तक रुक्का में बिजली गुल थी। स्थिति साफ दर्शाती है कि कुल 24 घंटे तक रुक्का से पानी की सप्लाई बाधित रही। इस वजह से बूटी जलागार सहित अन्य सभी स्थानों की पानी के टंकियां दिन भर सूखी रहीं।

कांटा टोली लेन पर असर

बूटी जलागार से कांटा टोली की ओर जाने वाली पाइपलाइन से जुड़े लोगों को अधिक परेशानी की सामना करना पड़ा। सोमवार को पूरे एक दिन बाद यहां पानी दिया जाना था, लेकिन रुक्का से ही जलापूर्ति प्रभावित होने की वजह से लोगों को सोमवार को पानी नहीं मिल सका। शाम चार बजे बूटी जलागार को पानी मिलने के बाद देर शाम 7 बजे के करीब इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई की गई।

रातू रोड में 36 घंटे वाटर सप्लाई ठप

रातू रोड के क्षेत्र में रविवार को सुबह 5:30 बजे पानी की सप्लाई की गई थी। इसके बाद 36 घंटे के हिसाब से सोमवार को शाम 6 बजे पानी की सप्लाई होनी थी। जलागार में पानी नहीं होने की वजह से यहां सोमवार को पानी की सप्लाई नहीं हुई। अभियंता द्वारा कहा गया कि मंगलवार को रातू रोड के क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाएगी।

गोंदा डैम से भी सप्लाई बाधित, कांके में नहीं मिला पानी

गोंदा डैम से भी कांके क्षेत्र में जलापूर्ति दिन भर प्रभावित रही। रविवार को दोपहर तीन बजे से सोमवार देर शाम तक गोंदा डैम प्लांट को बिजली नहीं मिली। इस कारण मोटर नहीं चलने के कारण कांके रोड के सभी क्षेत्रों को दिन भर पानी की समस्या से जूझना पड़ा।